क्या प्रशांत किशोर राघोपुर में तेजस्वी यादव को तीसरे नंबर पर धकेल देंगे?

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क्या प्रशांत किशोर राघोपुर में तेजस्वी यादव को तीसरे नंबर पर धकेल देंगे?

सारांश

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राघोपुर से तेजस्वी यादव को तीसरे स्थान पर धकेलने का दावा किया है। इस चुनाव में महागठबंधन की सीटों को लेकर चल रहे विवाद पर भी उन्होंने अपनी बात रखी। जानें इस चुनावी हलचल के पीछे की कहानी और क्या हो सकता है चुनाव का परिणाम।

Key Takeaways

  • प्रशांत किशोर का दावा है कि तेजस्वी यादव को तीसरे नंबर पर धकेल देंगे।
  • महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान चल रही है।
  • सरफराज आलम का जन सुराज पार्टी में शामिल होना महत्वपूर्ण है।
  • इस बार चुनाव में टिकटों की बिक्री का मुद्दा भी उठ रहा है।
  • तेजस्वी यादव एक बार फिर राघोपुर से चुनावी मैदान में हैं।

पटना, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को यह दावा किया कि वे राघोपुर से इस विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव को तीसरे स्थान पर धकेल देंगे।

उन्होंने महागठबंधन में सीटों के लिए चल रहे विवाद पर कहा कि महागठबंधन को पहले यह स्पष्ट करना होगा कि वीआईपी के मुकेश सहनी उनके साथ हैं या नहीं। बिना एक भी सीट पर चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा किए, उन्होंने डिप्टी सीएम बनने का दावा कर दिया है। इस बार महागठबंधन ने खुलकर करोड़ों रुपए में टिकटों की बिक्री की है। कई स्थानों पर महागठबंधन के दो-दो दलों ने उम्मीदवार दिए हैं।

प्रशांत किशोर ने राघोपुर से चुनाव न लड़ने के अपने फैसले को पार्टी का निर्णय बताते हुए कहा कि पार्टी का मानना है कि इससे जन सुराज के अन्य उम्मीदवारों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और उनका पूरा परिवार मिलकर भी उन्हें नहीं डरा सकता है। आप देखिएगा, राघोपुर में उन्हें तीसरे नंबर पर धकेल देंगे।

यह ध्यान देने योग्य है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राघोपुर से एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले, पूर्व सांसद और अररिया के जोकीहाट से चार बार विधायक रहे सरफराज आलम जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं। पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

सरफराज आलम पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीमांचल की राजनीति के बड़े मुस्लिम चेहरे स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं। वर्ष 1996 में पहली बार राजद के टिकट पर जोकीहाट से उपचुनाव जीतकर विधायक और बिहार सरकार में मंत्री बने थे। इसके बाद साल 2000, 2010 और 2015 में भी विधायक रहे। सांसद पिता तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद साल 2018 में हुए संसदीय उपचुनाव में जीत दर्ज कर सांसद भी बने। उनके भाई शाहनवाज आलम फिलहाल जोकीहाट विधानसभा से राजद के विधायक हैं।

Point of View

बल्कि यह राजनीतिक रणनीति और जन समर्थन की परीक्षा है। क्या तेजस्वी यादव अपने अनुभव और परिवार के प्रभाव के चलते इस बार भी जीत पाएंगे? यह सवाल सभी के सामने है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को तीसरे नंबर पर धकेलने का दावा क्यों किया?
प्रशांत किशोर का मानना है कि इस बार महागठबंधन में सीटों को लेकर चल रहे विवाद और टिकटों की बिक्री ने स्थिति को बदल दिया है।
सरफराज आलम का जन सुराज पार्टी में शामिल होना कितनी महत्वपूर्ण है?
सरफराज आलम का जन सुराज में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा लाभ माना जा रहा है, क्योंकि वे सीमांचल की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा हैं।
महागठबंधन में सीटों का विवाद क्या है?
महागठबंधन में विभिन्न दलों के बीच सीटों को लेकर असहमति और टिकटों की बिक्री को लेकर गंभीर विवाद चल रहा है।