क्या प्रवीण गायकवाड़ को डाभोलकर, पंसारे और गौरी लंकेश की तरह जान से मारने की कोशिश हुई?

सारांश
Key Takeaways
- प्रवीण गायकवाड़ पर हमला चिंता का विषय है।
- महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
- यह घटना विचारों की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संभाजी ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड़ पर हुए हमले ने महाराष्ट्र की सियासत को फिर से गर्म कर दिया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने इस घटना को लेकर फडणवीस सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बेहद खराब है।
रोहित पवार ने कहा, "डाभोलकर, पंसारे और गौरी लंकेश जैसे विचारशील व्यक्तियों की हत्या का कारण उनका विचारों के खिलाफ खड़ा होना है। महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार वही प्रतिगामी विचारों को समर्थन दे रही है। प्रवीण गायकवाड़ के साथ भी ऐसा ही हुआ है, पहले उन पर हमला किया गया और फिर उनकी जान लेने की कोशिश की गई।"
उन्होंने आगे कहा, "प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल बहुत बुरा है। क्या हमलावरों को सरकार का समर्थन मिल रहा है? यह डर हमें सता रहा है।"
रोहित पवार ने महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडकी बहना योजना’ को लोकल बॉडी चुनाव तक सीमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "3-4 महीनों में चुनाव होंगे, तब तक यह योजना जारी रहेगी। इसके बाद इसे बंद कर दिया जाएगा।"
रोहित पवार ने मंत्री संजय शिरसाट के वायरल वीडियो पर भी टिप्पणी की और कहा, "वे सामाजिक कल्याण के मंत्री हैं, लेकिन उनके पास बहुत सारा पैसा है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि समिति अध्यक्ष के दौरे से पहले ही 5 करोड़ रुपए पहुंचा दिए गए थे, जो भ्रष्टाचार का संकेत है।