क्या प्रवीण खंडेलवाल ने बांग्लादेश की सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- प्रवीण खंडेलवाल ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की।
- भारतीय सरकार ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया।
- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के बयानों पर भाजपा ने तीखा हमला किया।
- भाजपा प्रवक्ता ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की कड़ी निंदा की।
- धर्म के आधार पर भेदभाव देश के भविष्य के लिए घातक हो सकता है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों ने भारतीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के बयान पर भी भाजपा ने कड़ा प्रतिवाद किया है।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस मामले में त्वरित कदम उठाते हुए बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया और अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया।
खंडेलवाल ने विश्वास जताया कि बांग्लादेश की सरकार इस विषय को गंभीरता से लेगी और अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार इस मामले की निरंतर निगरानी कर रही है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
इसके अलावा, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पवन खेड़ा झूठ बोलने के लिए पूरे देश में जाने जाते हैं और कांग्रेस नेता राजनीति में बने रहने के लिए हर दिन नए झूठ गढ़ रहे हैं। खंडेलवाल ने यह भी कहा कि इसी कारण कांग्रेस लगातार राज्यों में अपना जनाधार खो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है, और इस तरह के बयान पार्टी की गिरावट को और तेज करेंगे।
भाजपा प्रवक्ता यासिर जिलानी ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, के साथ हो रही कथित क्रूरता और हत्याओं की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं बेहद गंभीर और भयावह हैं और इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। जिलानी ने कहा कि आज पूरी दुनिया बांग्लादेश को एक अलग दृष्टिकोण से देख रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हर देश का यह कर्तव्य है कि वह अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करे, उनके अधिकारों की रक्षा करें, और उन्हें भयमुक्त माहौल प्रदान करें। धर्म के आधार पर भेदभाव और हिंसा किसी भी देश के भविष्य के लिए घातक साबित हो सकती है।