क्या प्रयागराज में शीतला अष्टमी पर मां कल्याणी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगी?

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क्या प्रयागराज में शीतला अष्टमी पर मां कल्याणी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगी?

सारांश

प्रयागराज के मां कल्याणी देवी मंदिर में शीतला अष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी। महिलाएं अपने परिवार की भलाई के लिए मां की पूजा कर रही हैं। जानिए इस विशेष अवसर का महत्व और भक्तों की आस्था।

Key Takeaways

  • शीतला अष्टमी का व्रत मां शीतला के प्रति आस्था को दर्शाता है।
  • महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए व्रत करती हैं।
  • मंदिर में भक्तों की भीड़ इस पर्व की लोकप्रियता को दर्शाती है।

प्रयागराज, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शीतला अष्टमी के पावन अवसर पर प्रयागराज के मां कल्याणी देवी मंदिर में शनिवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिली। यह व्रत मां शीतला को समर्पित किया जाता है, जिसे संतान के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन भक्त मां शीतला की पूजा करते हैं और बासी भोजन का भोग लगाते हैं, जिस कारण इसे ‘बसौड़ा’ भी कहा जाता है।

मां कल्याणी देवी मंदिर में सुबह से ही महिलाएं मां की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचीं। मंदिर के अध्यक्ष पंडित सुशील कुमार पाठक ने बताया कि यह मंदिर पुराणों में वर्णित प्राचीन शक्तिपीठ है और शीतला अष्टमी का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा, “श्रावण मास की अष्टमी को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और बासी पूड़ी, हलवा, चना, गुलगुला, बताशा का मां को भोग लगाती हैं। सुबह से ही भक्त मां कल्याणी के दर्शन-पूजन के लिए आ रहे हैं। शाम को मां का भव्य श्रृंगार होगा।”

पंडित सुशील ने आगे बताया कि यह व्रत संतान और परिवार की मंगल कामना के लिए किया जाता है। महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। मां कल्याणी की पूजा से परिवार की रक्षा और कल्याण की कामना पूरी होती है।

शीतला अष्टमी पर मंदिर में भक्तों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। महिलाएं सुबह से ही मां के दर्शन के लिए कतार में खड़ी थीं। इस अवसर पर मंदिर को खास तौर पर सजाया गया था। भक्तों ने मां से अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। शीतला अष्टमी के अवसर पर माता के दर्शन को मंदिर पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने बताया, “मां कल्याणी में हमारी गहरी आस्था है। शीतला अष्टमी पर हम व्रत रखते हैं और मां को हलवा-पूड़ी का भोग चढ़ाते हैं। हमारी कामना है कि मां हमारे बच्चों और परिवार की रक्षा करें, उन्हें तरक्की दें और उनका कल्याण करें।”

Point of View

बल्कि यह परिवारों के बीच एकता और सहयोग का प्रतीक भी है। ऐसे अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या इस बात का प्रमाण है कि हमारी आस्था और परंपराएं आज भी जीवित हैं।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

शीतला अष्टमी का महत्व क्या है?
शीतला अष्टमी का व्रत मां शीतला की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जिससे संतान के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की जाती है।
इस दिन क्या विशेष पूजा की जाती है?
इस दिन भक्त मां को बासी भोजन का भोग अर्पित करते हैं, जिसे बसौड़ा कहा जाता है।