क्या प्रियांक खड़गे का बयान कांग्रेस को मूर्खों का अड्डा बना रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- प्रियांक खड़गे के बयान ने राजनीतिक हलचल मचाई।
- भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी का पलटवार।
- कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर प्रश्न उठे।
- राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं।
- सभी त्योहारों का सम्मान जरूरी है।
नई दिल्ली, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे द्वारा ‘आरएसएस पर प्रतिबंध’ लगाने के बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है। भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस पर तीखा जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी मूर्खों का अड्डा बनती जा रही है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "कांग्रेस पार्टी मूर्खों की बेवकूफी का अड्डा बनती जा रही है। इसका परिणाम यह है कि कांग्रेस बर्बाद हो रही है। कांग्रेस नेता ने हाल ही में आरएसएस पर सवाल उठाए हैं। वे आरएसएस के खिलाफ लंबे समय से दुष्प्रचार कर रहे हैं। वे आरएसएस को बैन करते-करते खुद ही बैन हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी आरएसएस की राष्ट्रवादी सोच और मुहिम को बैन नहीं कर सकती है।
कांग्रेस नेता अजय कुमार द्वारा ‘सिक्किम को पड़ोसी देश’ बताए जाने पर भी उन्होंने तीखा हमला किया। भाजपा नेता ने कहा, "कांग्रेस पार्टी बेवकूफों की पार्टी बनती जा रही है, जिससे उनका बंटाधार हो रहा है।"
उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ मार्ग पर ढाबा और दुकान मालिकों को नेमप्लेट लगाने के आदेश पर नकवी ने कहा, "कांवड़ मार्ग पर बिरयानी का स्टॉल लगाना न तो जरूरी है और न ही मजबूरी है। कुछ लोग कहते हैं कि वे कांवड़ मार्ग पर चिकन और मटन बिरयानी बेचेंगे, यह न तो जरूरी है और न ही मजबूरी है, बल्कि यह शरारत है। हमारे देश में सभी धर्मों से जुड़े त्योहार मनाए जाते हैं और लोग एक-दूसरे के त्योहारों का भी सम्मान करते हैं। अगर कोई उस पर प्रहार करेगा तो यह सही नहीं है। मैं यही कहूंगा कि सभी पर्वों का सम्मान होना चाहिए।"
मुख्तार अब्बास नकवी ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा, "बिहार में चुनावी रैली की तैयारी हो चुकी है। चुनावी रैली में सामंती राजनीति के सांप्रदायिक सुल्तान भी सक्रिय हो गए हैं। सामंती राजनीति के सांप्रदायिक सुल्तान सक्रिय होते ही मुसलमानों का भावनात्मक शोषण करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए वे भावनात्मक शोषण में सांप्रदायिकता का तड़का लगाने में लगे हैं, लेकिन यह ठीक नहीं है और यह किसी को भी स्वीकार्य नहीं है।"