क्या चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता भाजपा की स्क्रिप्ट थी? प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- प्रियंका चतुर्वेदी ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के सवालों का उत्तर नहीं दिया गया।
- राहुल गांधी को लेकर आयोग की मांग विवादास्पद है।
- महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने हैं।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोरदार प्रतिक्रियास्क्रिप्टेड इवेंट बताया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि आयोग की प्रेस वार्ता में ऐसा लग रहा था कि वे केवल भाजपा द्वारा दिए गए स्क्रिप्ट को पढ़ रहे थे, क्योंकि इंडिया ब्लॉक के उठाए गए सवालों का कोई उत्तर नहीं मिला। आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के सवालों, जैसे डुप्लीकेट वोटर्स और मल्टीपल आईडी जैसे मुद्दों पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया।
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और भाजपा इसका उपयोग विपक्ष पर हमला करने के लिए कर रही है। उन्होंने इसे एक स्क्रिप्टेड इवेंट बताया, जो भाजपा कार्यालय से तैयार किया गया प्रतीत होता है।
उन्होंने यह भी पूछा कि जब आयोग आधार कार्ड को वोटर कार्ड से जोड़ने के लिए तैयार था, तब प्राइवेसी का हनन नहीं माना गया, लेकिन अब सीसीटीवी फुटेज का हवाला देकर प्राइवेसी का मुद्दा उठाया जा रहा है। चुनाव आयोग संविधान को कमजोर करने में शामिल है और उसकी कार्रवाइयां, जैसे कि बिहार में एसआईआर का उपयोग संभवत: भाजपा के इशारे पर तैयार किया गया है।
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों और चुनाव आयोग द्वारा उनसे शपथ पत्र या माफी मांगने की मांग पर उन्होंने कहा कि माफी तो चुनाव आयोग को देश से मांगनी चाहिए, क्योंकि जनता का विश्वास आयोग ने खो दिया है। आयोग भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ रहा है, और यह हास्यास्पद है कि आयोग यह सत्यापित करने में विफल रहा कि वोटर सही हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कोई शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आयोग को जनता के खोए विश्वास के लिए माफी मांगनी चाहिए।
एनडीए द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर उन्होंने कहा कि रविवार को उनके नाम की घोषणा हुई। वह महाराष्ट्र से हैं और पिछले एक साल से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उनका कोई विवाद नहीं रहा है। वह झारखंड के राज्यपाल और सांसद भी रह चुके हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगर वह उपराष्ट्रपति बनते हैं तो पद की गरिमा बनाए रखेंगे। जहां तक इंडिया ब्लॉक का सवाल है, यह फैसला सभी नेतृत्व मिलकर लेंगे कि आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा किया जाए या उसे समर्थन दिया जाए।