क्या प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन किया?

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क्या प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन किया?

सारांश

प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से ननों की रिहाई की मांग की और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का विरोध किया। जानिए इस मामले में क्या कुछ नया है और प्रियंका का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • प्रियंका गांधी का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ है।
  • सरकार पर आवाज उठाना प्रियंका का कर्तव्य है।
  • आदिवासी लड़कियों के मानवाधिकारों की सुरक्षा आवश्यक है।
  • केंद्र सरकार को ऋण माफ करने पर विचार करना चाहिए।
  • भूस्खलन के पीड़ितों को सहायता की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के मामले में सियासी माहौल गर्म है। ननों पर आरोप है कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी लड़कियों को आगरा ले जाते समय धर्मांतरण और मानव तस्करी का प्रयास किया।

इस मामले के खिलाफ कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को दिल्ली में संसद परिसर के बाहर एक प्रदर्शन का आयोजन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से दोनों ननों की रिहाई की मांग की।

प्रियंका ने कहा, "हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमलों का विरोध कर रहे हैं। हमने संसद में इस मुद्दे को उठाया है और आज भी इसे उठाएंगे। सरकार की कार्रवाई की उम्मीद नहीं है, लेकिन आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।"

उन्होंने आगे कहा, "यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। ये भी महिलाएं हैं; उनके साथ अन्य महिलाएं थीं। उन्हें इस तरह से बंधक नहीं बनाना चाहिए, और उन पर ऐसे आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए जो वे कर ही नहीं रही हैं। हम इस प्रकार की सख्ती को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।"

असल में, 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से केरल की दो ननें (सिस्टर प्रीथी मैरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस) और एक अन्य व्यक्ति, सकुमन मंदावी, को गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नारायणपुर से तीन आदिवासी लड़कियों को आगरा ले जाने का प्रयास किया। एक स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ता की शिकायत पर ननों पर विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं।

वायनाड क्षेत्र में आए भूस्खलन की पहली बरसी पर प्रियंका ने कहा, "एक साल बीत जाने के बाद भी, उस त्रासदी से प्रभावित लोग अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। हमने जितने प्रयास किए हैं, फिर भी वे कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।"

प्रियंका ने कहा, "कई व्यवस्थागत मुद्दे हैं और केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई धनराशि ऋण के रूप में भेजी गई थी। अगर यह उनकी वित्तीय समस्याओं में मदद करने के लिए है, तो वे इन ऋणों को कैसे चुकाएंगे? यह केंद्र सरकार की एक छोटी राशि है और उन्हें इन ऋणों को माफ कर देना चाहिए।"

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजनीतिक मुद्दों में मानवाधिकार कैसे प्रभावित होते हैं। एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, हमें यह समझना होगा कि ऐसे मामलों में सभी पक्षों की आवाज सुनना आवश्यक है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

छत्तीसगढ़ में ननों को क्यों गिरफ्तार किया गया?
ननों पर आरोप है कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी लड़कियों को आगरा ले जाते समय धर्मांतरण और मानव तस्करी का प्रयास किया।
प्रियंका गांधी ने इस मामले में क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने ननों की रिहाई की मांग की और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का विरोध किया।