क्या जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 105 फीट ऊंचे तिरंगे की नींव रखी गई?

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क्या जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 105 फीट ऊंचे तिरंगे की नींव रखी गई?

सारांश

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक भव्य समारोह में 105 फीट ऊंचे तिरंगे की आधारशिला रखी गई। यह ध्वज क्षेत्र के लोगों की एकता और साहस का प्रतीक होगा। जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • 105 फीट ऊंचा तिरंगा क्षेत्र के लोगों की एकता का प्रतीक बनेगा।
  • यह ध्वज राष्ट्र की रक्षा में बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि देगा।
  • समारोह में स्थानीय समुदाय की भागीदारी महत्वपूर्ण रही।
  • बनवत व्यू पॉइंट देशभक्ति का केंद्र बनेगा।

पुंछ, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पुंछ जिले में गर्व, एकता और राष्ट्रीय भावना को मजबूती से प्रस्तुत करने वाला एक भावुक एवं प्रतीकात्मक समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी, एसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन ने पुंछ जिले के बांदीचेचियां (सीसीबी) गांव स्थित बनवत व्यू पॉइंट पर १०५ फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की आधारशिला रखी।

इस आयोजन के साथ एक महत्वपूर्ण परियोजना का आरंभ हुआ, जो आने वाले समय में इस सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के साहस, धैर्य और आकांक्षाओं का स्थायी प्रतीक बनेगी। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के पीआरओ और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने साझा की।

पुंछ के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के बीच प्रस्तावित विशाल तिरंगा राष्ट्रीय गौरव की किरण के रूप में देखा जा रहा है। यह ध्वज उन बलिदानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा जो राष्ट्र की रक्षा में पीढ़ियों से दिए गए हैं। आधारशिला रखने के इस समारोह के साथ एक महीने तक चलने वाली सामाजिक पहल का भी शुभारंभ हुआ है, जिसका उद्देश्य सामूहिक भागीदारी और साझा जिम्मेदारी के माध्यम से स्थानीय समुदाय के बीच संबंधों को और मजबूत करना है।

पीआरओ के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का भव्य उद्घाटन २६ जनवरी २०२६ को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया जाएगा। परियोजना के पूर्ण होने के बाद बनवत व्यू पॉइंट देशभक्ति का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी और क्षेत्र के लोगों में अपनेपन तथा राष्ट्रीय गौरव की नई भावना का संचार होगा।

इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों, समुदाय के प्रतिनिधियों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और भारतीय सेना के जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे वातावरण में कृतज्ञता और सम्मान की भावनाएं स्पष्ट रूप से देखने को मिलीं, जो जनता और भारतीय सेना के बीच गहरे भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती हैं। इस अवसर पर भारतीय सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में एकता, विकास और तिरंगे की अमर भावना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ स्थानीय आबादी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया।

Point of View

यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि हमारी एकता और समर्पण ही हमारी ताकत है। जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसे प्रतीकात्मक कदम हमारे देश की एकता और अखंडता को और मजबूत करते हैं।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

इस तिरंगे का उद्घाटन कब होगा?
इस तिरंगे का भव्य उद्घाटन 26 जनवरी 2026 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया जाएगा।
इस परियोजना का उद्देश्य क्या है?
इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करना और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देना है।
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