क्या पंजाब की अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को वीडियो हटाने का निर्देश दिया?

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क्या पंजाब की अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को वीडियो हटाने का निर्देश दिया?

सारांश

पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मुख्यमंत्री भगवंत मान को निशाना बनाने वाले वीडियो हटाने का निर्देश दिया है। अदालत ने तर्क किया है कि सामग्री अश्लील थी और सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकती थी।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री भगवंत मान की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे आपत्तिजनक सामग्री हटाएं।
  • अदालत ने सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह आदेश जारी किया है।

चंडीगढ़, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने शुक्रवार को मेटा प्लेटफॉर्म्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स कॉर्प, और टेलीग्राम जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मुख्यमंत्री भगवंत मान को निशाना बनाने वाले आपत्तिजनक वीडियो २४ घंटे के भीतर हटाने का निर्देश दिया।

अदालत ने इन प्लेटफॉर्म्स के १६६ विशिष्ट यूआरएल की एक सूची संलग्न की। न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) मनप्रीत कौर ने अपने आदेश में प्लेटफॉर्म्स को "उल्लेखित विशिष्ट यूआरएल से संबंधित सामग्री हटाने" का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, "कथित आपत्तिजनक सामग्री को अदालती आदेश मिलने के २४ घंटे के भीतर तुरंत और हर हाल में हटाने का निर्देश दिया जाता है।"

यह कार्रवाई मोहाली के राज्य साइबर अपराध विभाग द्वारा दायर एक आवेदन पर की गई। आवेदन में तर्क दिया गया था कि गढ़ी गई सामग्री, जो संभवतः एआई द्वारा उत्पन्न की गई थी, अश्लील थी और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की प्रवृत्ति की थी।

न्यायालय ने गूगल (सर्च इंजन) को भी विशेष निर्देश जारी किया कि वह आपत्तिजनक सामग्री को डी-इंडेक्सिंग और डी-रेफरेंसिंग करके उसे नॉन सर्चेबल बनाए। सभी प्लेटफॉर्म को यह भी निर्देश दिया गया कि वे सबूतों को नष्ट होने से बचाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री से जुड़ी सभी जानकारी और रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।

कथित तौर पर यह फर्जी वीडियो कनाडा निवासी जगमन समरा के अकाउंट से प्रसारित किया गया था। वीडियो वायरल होने के बाद, समरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

इस बीच, जब समरा के अकाउंट से सामग्री को पहले हटा दिया गया था, अदालत ने पाया कि "कुछ शरारती लोगों ने उसी या लगभग मिलती-जुलती आपत्तिजनक सामग्री को विभिन्न अन्य प्लेटफॉर्म पर फिर से अपलोड या प्रसारित करना शुरू कर दिया है," जिसके कारण अदालत को १६६ लिंक्स की एक विस्तृत सूची सौंपी गई।

आदेश में मध्यस्थों को चेतावनी दी गई है कि निर्देशों का पालन न करने पर उन्हें आईटी अधिनियम के तहत दायित्व से छूट मिल जाएगी, जिससे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो जाएगा।

Point of View

ताकि किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। एक जिम्मेदार नागरिक के नाते, हमें ऐसे मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या अदालत का आदेश सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए लागू है?
हाँ, यह आदेश सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए लागू है, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और टेलीग्राम शामिल हैं।
क्या वीडियो हटाने के लिए कोई समय सीमा है?
जी हाँ, अदालत ने निर्देश दिया है कि वीडियो को २४ घंटे के भीतर हटाना होगा।
क्या इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी?
यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।