क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा के विशेष सत्र से पहले कैबिनेट मीटिंग बुलाई?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट बैठक बुलाई।
- बैठक का उद्देश्य केंद्र के नए कानून पर चर्चा करना है।
- यह मनरेगा से संबंधित विशेष सत्र से पहले हो रही है।
- बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
- विपक्षी दलों का विरोध जारी है।
चंडीगढ़, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को दोपहर 12 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित की जाएगी और इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खास बात यह है कि यह कैबिनेट बैठक मनरेगा से संबंधित पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र से ठीक पहले हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। सरकार की नजर केंद्र सरकार के नए कानून 'विकसित भारत जी-राम जी' पर है, जिसका पंजाब सरकार खुलकर विरोध कर रही है।
19 दिसंबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया था। उन्होंने उल्लेख किया था कि केंद्र की भाजपा सरकार ने गरीबों की रोजी-रोटी का सहारा बनी मनरेगा योजना को बदलने का प्रयास किया है, जिससे गरीबों के घरों में चूल्हा ठंडा हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि इस अन्याय के खिलाफ जनवरी के दूसरे सप्ताह में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
मनरेगा की जगह लाए जा रहे 'विकसित भारत जी-राम जी' योजना को लेकर देशभर में राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। संसद में विपक्ष ने इस बिल का ज़ोरदार विरोध किया था। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया था कि इसे विस्तृत जांच के लिए स्थायी समिति या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाए। उनका कहना था कि यह बिल मनरेगा जैसे बड़े रोजगार कानून की जगह ले रहा है, इसलिए इसे जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए।
हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर पहले ही आठ घंटे से ज्यादा चर्चा हो चुकी है, इसलिए इसे समिति को भेजने की आवश्यकता नहीं है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह नया बिल मनरेगा की मांग आधारित रोजगार गारंटी को कमजोर करता है, राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है और महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है।
ऐसे माहौल में आज होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में विशेष सत्र की रणनीति और केंद्र के कानून के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जा सकता है।