क्या पंजाब पुलिस को मिली बड़ी सफलता? अबू धाबी से भारत लाया गया बीकेआई आतंकी परमिंदर सिंह

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति
- सहयोग से मिली सफलता
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग का महत्व
- वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी
- राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना
अमृतसर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकवादी परमिंदर सिंह पिंडी को यूएई से भारत लाया गया।
पंजाब पुलिस के डीजीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि एक प्रमुख ऑपरेशन के तहत पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से अबू धाबी (यूएई) से बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी परमिंदर सिंह पिंडी को भारत वापस लाने में सफलता हासिल की। पिंडी, विदेश में बैठे आतंकियों हरविंदर सिंह रिंडा और हैप्पी पासिया का करीबी सहयोगी है और वह बटाला-गुरदासपुर क्षेत्र में पेट्रोल बम हमले, हिंसक हमलों और जबरन वसूली जैसे कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है।
उन्होंने कहा कि बटाला पुलिस द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने 24 सितंबर को यूएई का दौरा किया। इस टीम ने विदेश मंत्रालय और यूएई के अधिकारियों के साथ समन्वय किया, सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया और आरोपी को सफलतापूर्वक वापस लाने में सफलता पाई।
डीजीपी ने आगे कहा कि यह सफल प्रत्यर्पण पंजाब पुलिस की आतंकवाद और संगठित अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति, साथ ही उसकी उन्नत जांच क्षमता और वैश्विक पहुंच को दर्शाता है। हम इस संयुक्त प्रयास में केंद्रीय एजेंसियों, विदेश मंत्रालय (एमईए) और संयुक्त अरब अमीरात सरकार के अमूल्य सहयोग के लिए आभारी हैं।
परमिंदर सिंह पंजाब पुलिस द्वारा जबरन वसूली, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने, हत्या के प्रयास और आपराधिक धमकी के मामलों में वांछित था। वह देश छोड़कर यूएई भाग गया था। इस मामले में पंजाब पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 13 जून को इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी करवाया था। यूएई के अधिकारियों ने परमिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उसे भारत प्रत्यर्पित करने का निर्णय लिया।
देश में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई, इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सहायता के लिए भारतपोल के माध्यम से देश में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करती है। पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय करके 130 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।