क्या पंजाब में रोडवेज कर्मचारियों ने 'किलोमीटर बस योजना' के खिलाफ हाईवे जाम किया?

Click to start listening
क्या पंजाब में रोडवेज कर्मचारियों ने 'किलोमीटर बस योजना' के खिलाफ हाईवे जाम किया?

सारांश

पंजाब के रोडवेज कर्मचारियों का 'किलोमीटर बस योजना' के खिलाफ प्रदर्शन ने जालंधर-दिल्ली हाईवे को जाम कर दिया, जिससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। क्या यह आंदोलन आगे बढ़ेगा? जानिए इस मुद्दे की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • पंजाब रोडवेज कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
  • 'किलोमीटर बस योजना' का प्रभाव
  • जालंधर-दिल्ली हाईवे का जाम
  • यात्रियों को हुई परेशानी
  • कर्मचारियों की मांगें

जालंधर, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में सरकारी बस चालकों ने प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर से आवाज उठाई है। पंजाब रोडवेज के कर्मचारियों ने 'किलोमीटर बस योजना' के कड़े विरोध में जालंधर के पीएपी चौक पर धरना दिया और जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया।

इस प्रदर्शन के चलते हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। दोपहर 12 बजे से शुरू हुए इस आंदोलन में राज्यभर के सभी बस स्टैंड दो घंटे के लिए बंद रहे, और केवल निजी बसें ही चलती नजर आईं। हाईवे जाम होने के कारण दिल्ली, अमृतसर और चंडीगढ़ जाने वाले सैकड़ों वाहन फंस गए।

कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस योजना को तुरंत रद्द नहीं किया गया तो उनका आंदोलन और तेज होगा।

इस प्रदर्शन का नेतृत्व पंजाब रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रमुख हरप्रीत सिंह ने किया। उन्होंने कहा, "प्रशासन एक बार फिर इस योजना के तहत नए टेंडर खोल रहा है, जो हजारों निजी बस संचालकों, ड्राइवरों और कंडक्टरों की आजीविका पर सीधा प्रहार है। यह योजना आम जनता को भी प्रभावित करेगी, क्योंकि परिवहन व्यवस्था को बड़ा धक्का लगेगा।"

उन्होंने योजना को बंद करने की पुरजोर मांग की और कहा कि सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर समाधान निकाला जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना छोटे बस मालिकों और कर्मचारियों का रोजगार छीन लेगी, जबकि निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाएगी।

'किलोमीटर बस योजना' एक सरकारी पहल है, जिसके अंतर्गत निजी कंपनियों से बसें किराए पर ली जाती हैं। सरकार इन कंपनियों को प्रति किलोमीटर निश्चित राशि का भुगतान करती है, जबकि ड्राइवरों की भर्ती, मरम्मत और ईंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से निजी कंपनियों पर होती है।

कर्मचारियों का कहना है कि इससे सरकारी रोडवेज का वर्चस्व कम होगा और स्थानीय संचालक बेरोजगार हो जाएंगे। यूनियन के अनुसार, पंजाब में करीब 50 हजार से अधिक कर्मचारी और संचालक इससे प्रभावित होंगे।

Point of View

ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा और बेरोजगारी से बचा जा सके। एक संतुलित समाधान निकालने की आवश्यकता है, जिससे जनता और कर्मचारियों दोनों के हित सुरक्षित रहें।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

किलोमीटर बस योजना क्या है?
यह एक सरकारी पहल है, जिसके तहत निजी कंपनियों से बसें किराए पर ली जाती हैं।
इस योजना के विरोध का कारण क्या है?
कर्मचारी इसे अपनी आजीविका के लिए खतरा मानते हैं।
इस आंदोलन के प्रभाव क्या होंगे?
यह सरकारी परिवहन व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है और यात्रियों को असुविधा हो सकती है।