क्या पुरी हादसे की जांच के लिए बनाई गई टीम प्रभावी साबित होगी?

सारांश
Key Takeaways
- पुरी में हुई घटना की जांच
- सरकार की पारदर्शिता की कोशिश
- मृतकों के परिजनों के लिए सहायता
- प्रशासनिक कार्रवाई की आवश्यकता
- भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करना
भुवनेश्वर, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा सरकार के योजना और समन्वय विभाग ने 29 जून को पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास हुई दुखद घटना पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की है। इस घटना में तीन श्रद्धालुओं की भगदड़ के कारण मृत्यु हो गई थी।
गृह विभाग की अधिसूचना संख्या 1389/सी दिनांक 29 जून, 2025 के अनुसार, सरकार ने इस घटना की जांच कराने का आदेश दिया है। जांच की जिम्मेदारी ओडिशा के विकास आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव को दी गई है।
सरकार ने सभी व्यक्तियों या संस्थाओं से अनुरोध किया है, जिनके पास इस घटना से संबंधित कोई जानकारी या प्रमाण (जैसे वीडियो फुटेज) हैं। जानकारी साझा करने के लिए लोग इसे 20 जुलाई, 2025 तक ईमेल (पुरीट्रेजडीडॉटइनक्वारीऐटदरेटओडिशाडॉटजीओवीडॉटइन) के माध्यम से भेज सकते हैं।
इसके अलावा, जो लोग व्यक्तिगत रूप से जानकारी देना चाहते हैं, वे निम्नलिखित स्थानों और समय पर विकास आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव से मिल सकते हैं। राज्य अतिथि गृह ऐनिक्स, भुवनेश्वर में 9 जुलाई को 3:00 बजे के बाद मिल सकते हैं। वहीं विशेष सर्किट हाउस, पुरी में 10 जुलाई को 3:00 बजे के बाद मिल सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, लोग दिए गए फोन नंबरों (0674) 2536882 / 2391970 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
इस घटना को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए पुरी के डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया, जबकि कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन और एसपी बिनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया।
सरकार इस मामले में पारदर्शिता के साथ जांच कर रही है, ताकि घटना के कारणों का सही रूप से पता चल सके और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। सरकार ने इस पर जिम्मेदार व्यक्ति/संस्थाओं के खिलाफ उचित कार्रवाई का वादा किया है।