क्या बिहार के पूर्णिया में आदिवासी परिवार की हत्या के मामले में राहुल गांधी ने पीड़ितों से बात की?

सारांश
Key Takeaways
- पूर्णिया में आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या।
- राहुल गांधी का पीड़ित परिवार से फोन पर संवाद।
- बिहार में अपराधियों का बढ़ता हौसला।
- कानून व्यवस्था का कमजोर होना।
- अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता।
पूर्णिया, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया के टेटगामा गांव में आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की घटना पर आखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से संवाद किया।
इस मौके पर उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के माध्यम से पीड़ित परिवार से फोन पर चर्चा कर न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार इस न्याय की लड़ाई में मजबूती से खड़ा रहेगा। राहुल गांधी ने फोन पर बातचीत में पीड़ित परिवार से पूरी घटना की जानकारी ली और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
विक्रांत भूरिया ने कहा कि आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने की यह बर्बर घटना मानवता के लिए कलंक है और बिहार की वर्तमान सरकार में अपराधियों का राज स्थापित हो गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि जब चाहें, तब अपराधियों द्वारा हत्याएं, नरसंहार और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं की जा रही हैं। पुलिस और कानून व्यवस्था पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुकी है और अपराधियों के सामने समर्पण कर चुकी है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्णिया के इस नृशंस हत्याकांड में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गति बहुत धीमी है और पीड़ित परिवार सहित पूरा गांव डर और सहमे हुए हैं। कानून अपना कार्य करने में असमर्थ है, क्योंकि आम लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना विकसित हो चुकी है। अपराधियों की सत्ता समानांतर रूप से स्थापित हो गई है।
यह उल्लेखनीय है कि पिछले सोमवार को पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। यह घटना टेटगामा गांव में हुई थी, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों को डायन के आरोप में पहले पीट-पीटकर मारा गया और फिर शवों पर तेल डालकर जला दिया गया था।