क्या पूर्वी क्षेत्र के पांच राज्य नक्सलवाद, ड्रग्स तस्करी और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए साझा अभियान चलाएंगे?

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क्या पूर्वी क्षेत्र के पांच राज्य नक्सलवाद, ड्रग्स तस्करी और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए साझा अभियान चलाएंगे?

सारांश

पूर्वी क्षेत्र के पांच राज्य नक्सलवाद, ड्रग्स तस्करी और मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए मिलकर साझा अभियान चलाने पर सहमत हुए हैं। झारखंड के डीजीपी ने सीमावर्ती राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

Key Takeaways

  • साझा अभियान के तहत सीमावर्ती राज्यों में समन्वय बढ़ाया जाएगा।
  • नक्सलवाद और ड्रग्स तस्करी पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
  • बैठक में साइबर अपराध और मानव तस्करी पर भी चर्चा की गई।
  • राज्यों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
  • सुरक्षा और विकास में सुधार के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

रांची, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने सोमवार को पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति (ईआरपीसीसी) की बैठक में ऑनलाइन भाग लेते हुए सीमावर्ती राज्यों के बीच मजबूत तालमेल पर जोर दिया।

यह बैठक छत्तीसगढ़ की मेज़बानी में आयोजित की गई, जिसमें बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। झारखंड के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में नक्सल समस्या, सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रही ड्रग तस्करी, साइबर अपराध, मानव तस्करी और चिटफंड धोखाधड़ी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी समन्वय के आधार पर साझा अभियान चलाने पर सहमति बनी।

अनुराग गुप्ता ने सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी गतिविधियों और संदेहास्पद हरकतों की रीयल-टाइम जानकारी साझा करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जिलों की चेक पोस्ट पर नियमित रूप से औचक जांच करने पर जोर दिया ताकि नशे की सामग्री, डोडा, ब्राउन शुगर, अवैध शराब और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी रोकी जा सके।

झारखंड पुलिस की ओर से बैठक में नक्सल प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर ओडिशा सीमा से लगे सरंडा क्षेत्र में चरणबद्ध और समयबद्ध अभियान चलाने का प्रस्ताव रखा गया। इस रणनीति में संयुक्त ऑपरेशन, खुफिया जानकारी साझा करना और माओवादियों के खिलाफ लक्ष्य आधारित कार्ययोजना शामिल है। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर गुप्ता ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि डेटा साझा करने की व्यवस्था को मजबूत किया जाए और फर्जी सिम कार्ड के इस्तेमाल पर रोक के लिए संयुक्त अभियान चलाया जाए।

उन्होंने कहा कि डिजिटल अपराध पर नियंत्रण के लिए तत्काल और समन्वित कार्रवाई जरूरी है। सभी राज्यों के अधिकारियों ने इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करने और एक साथ समन्वित कार्रवाई करने पर सहमति जताई। बैठक में झारखंड की ओर से विशेष शाखा के आईजी प्रभात कुमार ने नक्सल विरोधी अभियानों की जानकारी दी। सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज ने साइबर और नशा तस्करी से जुड़े मामलों की जानकारी साझा की। ट्रेनिंग विंग की आईजी ए. विजयलक्ष्मी ने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन और अधिकारियों की ट्रेनिंग से जुड़ी योजनाएं रखीं। झारखंड टीम में DGP अनुराग गुप्ता के साथ प्रभात कुमार, असीम विक्रांत मिंज, ए. विजयलक्ष्मी और आईजी (अभियान) माइकलराज एस. समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि यह साझा अभियान न केवल नक्सलवाद और तस्करी पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग को भी दर्शाता है। इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए, जो हमारे समाज की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

पूर्वी क्षेत्र के राज्य कौन से हैं?
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नक्सलवाद, ड्रग्स तस्करी और मानव तस्करी पर रोक लगाना है।
बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा की गई?
बैठक में नक्सल समस्या, ड्रग तस्करी, साइबर अपराध और मानव तस्करी पर चर्चा की गई।
क्या इस अभियान से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुधार होगा?
हां, इस अभियान के जरिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास में सुधार की उम्मीद है।
राज्य सरकारें किस प्रकार के कदम उठाएंगी?
राज्य सरकारें संयुक्त ऑपरेशन, खुफिया जानकारी साझा करना और डिजिटल अपराध पर नियंत्रण के लिए कदम उठाएंगी।