क्या राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से उम्मीदें बढ़ गई हैं: राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला?
सारांश
Key Takeaways
- पुतिन का दौरा भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करेगा।
- दौरे के दौरान आर्थिक सहयोग पर चर्चा होगी।
- सात महत्वपूर्ण मंत्री इस दौरे में शामिल होंगे।
- रेसिप्रोकल लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट की मंजूरी से सहयोग बढ़ेगा।
- भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग पर भी चर्चा होगी।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को लेकर कहा कि हमारे और रूस के बीच एक विशेष संबंध है, जो ऐतिहासिक और कई मायनों में एक करीबी एवं भरोसेमंद साझेदारी के रूप में स्थापित है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन चार वर्षों के बाद दिल्ली आ रहे हैं, जिससे कई उम्मीदें जागृत हुई हैं।
हर्षवर्धन श्रृंगला ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे पास हर वर्ष रूस के साथ शिखर सम्मेलन होते हैं, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा महत्वपूर्ण है। उनके साथ सात मंत्री आ रहे हैं, जिनमें वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और रूसी केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि इस बार भारत-रूस फोरम का आयोजन होगा, जिसमें आर्थिक सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वे रूस के साथ भारतीय निर्यात बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
सांसद ने कहा कि भारत और रूस के बीच रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट है, जिसका मतलब है कि दोनों देश एक-दूसरे को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर सकेंगे। इस समझौते को हाल ही में रूसी ड्यूमा ने मंजूरी दी है, जिससे दोनों देशों के युद्धपोतों और विमानों का आदान-प्रदान संभव होगा।
रूस और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, "हमारे और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण और करीबी साझेदारी है, जबकि रूस के साथ हमारा ऐतिहासिक और गहरा संबंध है। दोनों के संबंधों के विभिन्न पहलू हैं। अमेरिका भी रूस से संवाद कर रहा है, और राष्ट्रपति पुतिन हाल ही में बातचीत के लिए अलास्का गए थे।"