क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को वोट अधिकार की बात करना उचित है? : शंभू शरण पटेल

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा पर भाजपा सांसद का तीखा प्रहार।
- वोट देने की प्रक्रिया का सही समझना महत्वपूर्ण है।
- चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर सवाल उठाने से बचना चाहिए।
नई दिल्ली, ५ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' पर भाजपा सांसद शंभू शरण पटेल ने तीखा प्रहार किया।
शंभू शरण पटेल ने कहा, "हमारे लोकतांत्रिक देश में किसी को भी कहीं यात्रा करने का अधिकार है। लेकिन राहुल और तेजस्वी का वोट के अधिकार की बात करना उचित नहीं है। जब बिहार में एनडीए की सरकार नहीं थी, उस समय 90 के दशक में लोग अपने घरों में थे और उनका वोट बूथ पर डाला गया। पहले वोट की चोरी और बूथ लूट होती थी, जबकि एनडीए सरकार के दौरान चुनाव आयोग ने इसे समाप्त करने का कार्य किया है। इसलिए यह वोट के अधिकार की बात नहीं, बल्कि वोट डालने की बात है।"
उन्होंने आगे कहा, "यदि किसी का मतदाता सूची में दो स्थानों पर नाम है और चुनाव आयोग इसे हटा रहा है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक मृतक का नाम वोटर लिस्ट में कैसे रह सकता है? विपक्ष के पास अब कोई एजेंडा नहीं बचा है। उन्हें पता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी बड़ी हार होने वाली है, इसलिए वे जनता को गुमराह करने के लिए ऐसा शिगूफा छोड़ रहे हैं।"
चुनाव आयोग पर सवाल उठाने को लेकर उन्होंने कहा, "यह एक स्वायत्त संस्था है। यही चुनाव आयोग है जिसके माध्यम से वे जीतकर आए हैं। इसी के कारण राहुल गांधी आज सांसद बने हुए हैं। ऐसे आरोप उनकी कमजोरी को दर्शाते हैं। वे चुनाव हारने से डरे हुए हैं, इसलिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।"
चीन को लेकर राहुल गांधी की बयानबाजी पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के संदर्भ में उन्होंने कहा, "जब हमारे प्रधानमंत्री सदन में बोलते हैं, तो वे 140 करोड़ भारतीयों का नेतृत्व करते हैं। उनकी बात पर भरोसा नहीं करके विपक्ष विदेशी लोगों पर अधिक भरोसा करते हैं। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी गलत नहीं है।"