क्या बिहार की जनता राहुल गांधी के अपमान को स्वीकार करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के बयानों पर जदयू की कड़ी प्रतिक्रिया।
- बिहार की राजनीति में वर्तमान स्थिति पर चर्चा।
- कांग्रेस और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप।
- बिहार की जनता की आवाज़ को गंभीरता से लेना आवश्यक।
पटना, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सचिव साकेत सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान को हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि वे एटम बम के बाद हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे।
साकेत सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे उनका मजाक न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी उड़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी को किसी भी मुद्दे पर बयान देते समय गंभीर होना चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में उनकी स्थिति यह दर्शाती है कि अब लोग उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
जदयू सचिव ने कहा, "कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार की जनता का अपमान कर रहे हैं। मुझे जानना है कि उन्हें किसने यह अधिकार दिया कि वे बिहार की जनता का अपमान करें। इस स्थिति को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अधिकांश नेता तो किसी न किसी आरोप में सलाखों के पीछे हैं। ऐसे में ये लोग कैसे वोट चोरी का आरोप लगा सकते हैं? राहुल गांधी या कांग्रेस के किसी भी नेता को बिहार की जनता पर कोई भी आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है।
जदयू सचिव ने कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के एक बयान पर कहा था कि उनके पास एटम बम है, जिसे वह समय आने पर फोड़ेंगे, लेकिन मैं आज स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि वह क्या बम फोड़ेंगे।
सच्चाई यह है कि आज बिहार की जनता उन्हें खदेड़ने पर उतारू हो चुकी है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस विषय पर टिप्पणी करने का नैतिक अधिकार है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में बिहार की राजनीति में गजब की स्थिति देखने को मिल रही है। राजद के नेता यहां तक कि खुद लालू प्रसाद यादव भी कांग्रेस की रैली को नौटंकी करार दे चुके हैं, लेकिन आज स्थिति ऐसी बन चुकी है कि राजद कांग्रेस के पीछे घूम रही है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इन लोगों का मौलिक व्यक्तित्व नहीं है।
जदयू नेता ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों का अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया है, लेकिन दुख की बात यह है कि आज तक इन लोगों ने यह कहने की हिम्मत नहीं जुटाई कि अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाकर देश के अल्पसंख्यक समुदाय को सम्मानित किया था।
साकेत सिंह ने कहा कि इन लोगों ने हमेशा से भाजपा का भय दिखाकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का इस्तेमाल किया, लेकिन आज अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विकास और शांति चाहते हैं।