क्या राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने किया विरोध?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का दौरा राजनीतिक तनाव का कारण बना।
- दिनेश प्रताप सिंह का विरोध चर्चा का विषय बना।
- स्थानीय लोगों से मुलाकात ने राजनीतिक माहौल को और गर्म किया।
लखनऊ, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली के कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। यहाँ उनका स्वागत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने किया। उसके बाद राहुल गांधी एयरपोर्ट से सीधे रायबरेली के लिए निकल पड़े।
इस दौरान, योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने उनका विरोध किया। मंत्री के समर्थकों ने विरोध में नारे लगाए। जिस मार्ग से राहुल गांधी का काफिला गुजर रहा था, वहां मंत्री ने समर्थकों के साथ उनका विरोध किया और नारेबाजी की। थोड़ी ही देर बाद वे धरना देने के लिए बैठ गए। विरोध-प्रदर्शन के चलते राहुल गांधी का काफिला लगभग एक किलोमीटर पहले ही रुक गया।
जब पुलिस मंत्री को हटाने पहुंची, तो भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। इसके पहले, हरचंदपुर में राहुल गांधी का काफिला पहुंचा। यहाँ उन्होंने गाड़ी रुकवाकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इस दौरान सपा के नेता भी उनसे मिलने के लिए उत्सुक दिखे।
हरचंदपुर के सपा ब्लॉक अध्यक्ष ने राहुल गांधी से मिलने के बाद अपने कार्यकर्ताओं का भी उनसे परिचय कराया। इससे पहले, बछरावां में उनका स्वागत किया गया, जहाँ कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए। थोड़ी देर रुकने के बाद उनका काफिला फिर से रवाना हो गया।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी 10 और 11 सितंबर को रायबरेली में ही रहेंगे। इस दौरान वे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे, प्रशासन की दिशा बैठक में भाग लेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।
राहुल गांधी के रायबरेली दौरे से पहले, शहर में उनके पोस्टर चर्चा का विषय बने रहे। इन पोस्टरों में राजद नेता तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, और सपा मुखिया अखिलेश यादव को भगवान का दर्जा दिया गया था।
पोस्टर में लिखा गया था, "इंडिया की अंतिम आस, कलयुग के ब्रह्मा, विष्णु, महेश।" इसे सपा नेता राहुल निर्मल बागी ने लगवाया था, जिससे राजनीति में हलचल तेज हो गई।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस पोस्टर की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव राजनीति के इच्छाधारी हिंदू हैं, जो चुनाव के समय अपना रूप बदल लेते हैं। इस पोस्टर से स्पष्ट है कि सपा के नेताओं का उद्देश्य सनातन धर्म का अपमान करना है।