क्या राहुल गांधी के आरोपों पर संबित पात्रा भड़के?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं।
- संबित पात्रा ने आरोपों को खारिज किया।
- राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप सामान्य हो गए हैं।
- लोकतंत्र में हर आवाज़ का महत्व है।
- फैसले लेने से पहले तथ्यों की पुष्टि आवश्यक है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया। पात्रा ने राहुल गांधी के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आज राहुल गांधी ने कहा, 'अगर मेरी प्रेस वार्ता पर जवाब नहीं आया, तो घातक परिणाम होंगे।'
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आज हमने राहुल गांधी की प्रेस वार्ता देखी, और यह कोई पहली बार नहीं है कि राहुल किसी संवैधानिक संस्थान पर हमला कर रहे हैं।" उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनावों को भी कटघरे में खड़ा किया।
पात्रा ने कहा, "पहली बात ये है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने उन राज्यों में कभी प्रेस वार्ता नहीं की है, जहां उन्हें जीत मिली। 'मीठा-मीठा गप, कड़वा-कड़वा थू-थू' की यह चुनींदा प्रतिक्रिया देश की जनता देख और समझ रही है। जब राहुल गांधी हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में जीतते हैं, तो कोई प्रेस वार्ता नहीं करते, लेकिन जब लोकसभा चुनाव में 99 सीटें मिलती हैं, तो जश्न मनाते हैं। अगर देश का लोकतंत्र हार गया है, तो वे किस बात का जश्न मना रहे हैं?"
पात्रा ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने पूछा, "चुनाव में हार-जीत लगी रहती है। सबसे लंबे समय तक अगर किसी पार्टी ने विपक्ष में समय बिताया है, तो वह जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि हमारे किसी नेता ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकाया हो।" राहुल गांधी के शब्दों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, "क्या ये धमकी है?"
पात्रा ने आगे कहा कि राहुल गांधी धमकियां दे रहे हैं कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो सभी को सबक सिखाया जाएगा।
संबित पात्रा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, "राहुल ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया, लेकिन जब उनकी ओर से प्रॉक्सी याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई, तो कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।"
राहुल के एक और बयान 'मेरे शब्द ही मेरे शासन हैं' पर पात्रा ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "क्या राहुल गांधी बाहुबली हैं? ये देश संविधान से चलता है, न कि किसी के शब्दों से।"