क्या राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी दी?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यशैली की आलोचना की।
- उन्होंने इसे बकवास कहा और चेतावनी दी कि अधिकारी नहीं बच सकते।
- कर्नाटक का उदाहरण देकर उन्होंने गड़बड़ी के सबूत पेश किए।
- मतदाता सूची में उम्र के discrepancy की बात की।
- ‘चुनाव बहिष्कार’ पर कोई टिप्पणी नहीं की।
नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मतदाता सूची के मुद्दे पर चुनाव आयोग को लक्ष्य बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग के मानक पर काम नहीं कर रहा है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की टिप्पणियों को ‘बकवास’ करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग के अधिकारी इससे बच नहीं सकते क्योंकि “हम आपके पास आएंगे”।
राहुल गांधी ने यह बयान तेजस्वी यादव की 'चुनाव बहिष्कार' पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में दिया। उन्होंने दिल्ली में संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह एक गंभीर मामला है। चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग की तरह कार्य नहीं कर रहा है। उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान पूरी तरह से बकवास हैं। सच ये है कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारियों को निभा नहीं रहा है।”
राहुल गांधी ने मतदाता सूची के मुद्दे पर कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां चुनाव आयोग ने गड़बड़ी की अनुमति दी, जिसके 90 प्रतिशत नहीं, बल्कि 100 प्रतिशत ठोस सबूत मौजूद हैं। एक निर्वाचन क्षेत्र के निरीक्षण के बाद गड़बड़ी का पता चला है।
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही स्थिति है। हजारों नए मतदाता बनाए गए हैं, लेकिन उनकी उम्र 50 साल, 45 साल या 60 साल है।”
राहुल गांधी ने कहा, “मतदाताओं के नाम हटाना, नए मतदाता जोड़ना और 18 साल से ज्यादा उम्र के नए मतदाताओं की पहचान करना, हमने इन सबका पता लगाया है। मैं चुनाव आयोग को यह कहना चाहता हूं कि यदि आप समझते हैं कि आप इससे बच जाएंगे, तो आप गलत हैं। आप इससे नहीं बच सकेंगे। हम आपके पास आएंगे।”
हालांकि, राहुल गांधी ने ‘चुनाव बहिष्कार’ पर कोई टिप्पणी नहीं की। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में 'चुनाव बहिष्कार' का संकेत दिया है। कांग्रेस बिहार में आरजेडी की सहयोगी पार्टी है।