क्या राहुल गांधी के लिए पीएम मोदी पर अभद्र भाषा का प्रयोग राजनीतिक दिवालियापन है?
सारांश
Key Takeaways
- रेखा गुप्ता ने राहुल गांधी के बयान की निंदा की।
- यह बयान राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाता है।
- छठ महापर्व का अपमान नहीं होना चाहिए।
- भाजपा की संस्कृति में आस्था का सम्मान प्राथमिकता है।
- कांग्रेस के पास बिहार के लिए कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ा जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभद्र भाषा का उपयोग किया और यमुना नदी पर विवादास्पद टिप्पणी की।
सीएम रेखा गुप्ता ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इस प्रकार की बयानबाजी उनकी राजनीतिक दिवालियापन को प्रकट करती है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि बिहार में राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत जिस रूप में की है, वह न केवल राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रतीक है, बल्कि करोड़ों छठ श्रद्धालुओं की आस्था का भी घोर अपमान है।
उन्होंने कहा, छठ महापर्व पर उनकी टिप्पणी और मां यमुना के प्रति किया गया उपहास यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उनकी सोच भारतीय संस्कृति, सनातन परंपराओं और लोक आस्था से कितनी दूर है। यह वही नकारात्मक प्रवृत्ति है जिसने पहले भी छठ जैसे पवित्र पर्वों को नीचा दिखाने का प्रयास किया था और आज फिर उसी अपमानजनक मानसिकता को दोहराया जा रहा है।
महापर्व छठ के दौरान दिल्ली में बिहार के लोगों ने जिस उत्सव, आस्था और समर्पण के साथ छठी मैया की पूजा की, वह राहुल गांधी को रास नहीं आ रहा।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिस प्रकार दिल्ली सरकार ने यमुना घाटों पर आस्था और स्वच्छता का जो अद्भुत संगम प्रस्तुत किया है, वह श्रद्धा और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बोले गए अपशब्द राहुल गांधी के राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाते हैं। यह सिद्ध करता है कि कांग्रेस के पास बिहार के लिए कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए सस्ती लोकप्रियता के लिए निजी आरोप लगाने के लिए विवश हैं।
रेखा गुप्ता ने कहा कि पहले जहां श्रद्धालु झाग और गंदगी में पूजा करने को विवश थे, वहीं आज घाट स्वच्छता, सुविधा और सौंदर्य से परिपूर्ण रहे। यही संवेदनशीलता भाजपा की संस्कृति है, जहां आस्था का सम्मान राजनीति से हमेशा ऊपर रखा जाता है। यह बयान बिहार और दिल्ली के छठ श्रद्धालुओं की लोक आस्था का अपमान है। उनका यह बयान घोर निंदनीय है।