क्या राहुल को पंजाब के बाढ़ग्रस्त लोगों के बीच 'पप्पू' बनना बंद करना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा विवादित रहा।
- तरुण चुघ ने नाटकबाजी करने का आरोप लगाया।
- पंजाब में बाढ़ ने कई लोगों को प्रभावित किया है।
- पीएम मोदी ने अतिरिक्त सहायता की घोषणा की।
- राहुल का पुलिस के साथ विवाद भी चर्चा में रहा।
चंडीगढ़, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर कड़ा प्रहार किया है। चुघ ने राहुल पर 'पप्पू' जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बाढ़ग्रस्त लोगों के बीच नाटकबाजी बंद कर देनी चाहिए। उन्होंने राहुल के गुरदासपुर जिले में पंजाब पुलिस के साथ टकराव का उल्लेख करते हुए अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
चुघ ने चंडीगढ़ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "राहुल गांधी को पंजाब के बाढ़ग्रस्त लोगों के बीच 'पप्पू' बनना बंद करना चाहिए। भारत-पाक सीमा पर जलमग्न क्षेत्र में जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए था। जब हजारों लोग जूझ रहे थे, तब राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी, न कि नाटकबाजी।" उन्होंने राहुल के दौरे को पंजाबवासियों के लिए शर्मिंदगी बताया।
चुघ ने राहुल पर सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने की आदत का आरोप लगाते हुए कहा, "देश-विदेश में निजी दौरे किए, केंद्रीय एजेंसियों को जानकारी नहीं दी। पंजाब पुलिस ने दबाव में न आने का साहस दिखाया। अब विपक्ष के नेता को वर्दीधारी बलों का सम्मान करना चाहिए।" उन्होंने राहुल के दौरे को 'फोटो खिंचवाने' और 'मगरमच्छ के आंसू' बहाने का बताया।
भाजपा नेता ने कांग्रेस पर पंजाब के प्रति उदासीनता का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "गांधी परिवार और मल्लिकार्जुन खड़गे एक माह चुप रहे। यह ऑपरेशन ब्लूस्टार जैसी असंवेदनशीलता की याद दिलाता है।"
इससे पहले लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अमृतसर के अजनाला तहसील के घोनेवाल गांव का दौरा किया था। विवाद तब भड़का जब गुरदासपुर के तूर गांव पहुंचे राहुल को पाकिस्तान सीमा के पास कांटेदार तार पार करने से पंजाब पुलिस ने रोक दिया। राहुल ने एसपी युगराज सिंह से तीखी बहस की और कहा, "आप मुझे हिंदुस्तान में ही प्रोटेक्ट नहीं कर रहे।" पुलिस ने टूटी बॉर्डर फेंसिंग को सुरक्षा खतरा बताकर रोका।
बता दें कि पंजाब में अगस्त 2025 से जारी बाढ़ ने 13 जिलों के 1,400 से अधिक गांवों को तबाह कर दिया है। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जलस्तर चरम पर पहुंचने से 3.71 लाख एकड़ फसलें डूब गईं, जबकि 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए और कई लोगों की मौत हो चुकी है। पीएम मोदी ने 9 सितंबर को हवाई सर्वेक्षण कर 1,600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की, जो राज्य के 12,000 करोड़ के एसडीआरएफ फंड के अलावा है।