क्या राहुल गांधी के सवाल कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहे हैं? : सुखदेव भगत

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के सवालों की राजनीतिक अहमियत।
- चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना आवश्यक है।
- महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग का आरोप।
- आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता।
- मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने गुरुवार को कहा कि जिस तरीके से उनके नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग से सवाल पूछ रहे हैं, वह कुछ व्यक्तियों को पसंद नहीं आ रहा। उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग हुई है और सांसद गांधी ने इस मुद्दे पर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह बात नकारा नहीं जा सकता कि चुनाव आयोग की भूमिका हमेशा संदेह के घेरे में रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने इस विषय पर लेख लिखकर पूरे देश का ध्यान खींचा था।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग में चुनाव आयोग की भी भूमिका रही है, और यही मुद्दा राहुल गांधी उठा रहे हैं, जिसे कुछ लोग हजम नहीं कर पा रहे हैं। हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी हुई है। इस संबंध में हमने आयोग से कई साक्ष्य मांगे थे, लेकिन आयोग ने हमारी मांग नहीं मानी। हम यह चाहते हैं कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता बनी रहे और उसकी गरिमा पर किसी प्रकार का कुठाराघात न हो। यदि ऐसा हुआ, तो हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
इसी बीच, भारत-पाक सीजफायर को भी उन्होंने सही नहीं ठहराया। भगत ने कहा कि आतंकवाद को एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा, तभी हम अपेक्षित सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि चाहे वह इजरायल और ईरान के बीच युद्ध हो या फिर रूस-यूक्रेन, भारत ने दोनों ही स्थितियों में अहम भूमिका निभाई। भारत बढ़त की स्थिति में रहा, जबकि पाकिस्तान के मामले में स्थिति उलट थी। जब सीजफायर का मुद्दा आया, तो हमारी भूमिका कमतर हो गई, जिसके लिए जनता आज भी केंद्र सरकार से सवाल कर रही है। लेकिन, केंद्र सरकार इस सवाल का जवाब देने से बच रही है। अब इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।