क्या इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज किया?

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क्या इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज किया?

सारांश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए सिख समुदाय पर उनके बयान को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। यह मामला उनके द्वारा अमेरिका में दिए गए विवादास्पद बयान से संबंधित है, जिसने राजनीतिक हलचल उत्पन्न की और न्यायिक प्रक्रिया को जन्म दिया।

Key Takeaways

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज किया।
  • सिख समुदाय के धार्मिक स्वतंत्रता पर उनके बयान का मामला महत्वपूर्ण है।
  • न्यायपालिका ने मामले को गंभीरता से लिया है।

प्रयागराज, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका उन्होंने वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट के 21 जुलाई 2025 के आदेश के खिलाफ दायर की थी।

वाराणसी की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सिख समुदाय पर उनके कथित बयान के खिलाफ निगरानी याचिका को स्वीकार किया था। इस आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन उन्हें वहां से भी झटका लगा। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने शुक्रवार दोपहर दो बजे उनकी याचिका पर फैसला सुनाते हुए उसे खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि सितंबर 2024 में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने सिख समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों को अपनी आस्था (जैसे पगड़ी और कृपाण) का अभ्यास करने की आजादी नहीं है, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। राहुल गांधी को इस बयान के कारण भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा था कि भारत में सिख समुदाय से जुड़े लोगों को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की आजादी नहीं है, न ही उन्हें पगड़ी पहनने दी जा रही है और न ही गुरुद्वारे में जाने दिया जा रहा है।

वरिष्ठ वकील और वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान को भड़काऊ बताते हुए वाराणसी के सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन वहां मामला दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) कोर्ट में आवेदन दायर किया। हालांकि, 28 नवंबर 2024 को एसीजेएम कोर्ट ने मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया था।

इसके बाद नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी सत्र न्यायालय (एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट) में निगरानी याचिका दायर की, जिसे विशेष न्यायाधीश ने 21 जुलाई 2025 को स्वीकार कर लिया और एसीजेएम को मामले की पुनः सुनवाई का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने इसी आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

Point of View

जो देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में मदद करेगा।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को क्यों खारिज किया?
हाई कोर्ट ने सिख समुदाय पर राहुल गांधी के कथित बयान के आधार पर दायर निगरानी याचिका का समर्थन करते हुए उनकी याचिका को खारिज किया।
राहुल गांधी ने सिख समुदाय के बारे में क्या कहा था?
राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में सिखों को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की आजादी नहीं है।
इस मामले में आगे क्या हो सकता है?
हालांकि हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की है, लेकिन यह मामला राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का विषय बना रहेगा।