क्या रायपुर-विशाखापत्तनम हाईवे मुआवजा घोटाला है? ईडी द्वारा 10 ठिकानों पर छापा, 40 लाख रुपये जब्त
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 10 ठिकानों पर छापा मारा।
- 40 लाख रुपये और कई दस्तावेज जब्त किए गए।
- मामला भ्रष्टाचार और भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है।
- आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की।
- जांच जारी है, आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर जोनल ऑफिस ने 29 दिसंबर को पीएमएलए, 2002 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर और महासमुंद में दस स्थानों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई भारतमाला योजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापत्तनम हाईवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में मिले अवैध मुआवजे के मामले में हरमीत सिंह खनूजा और अन्य के आवासीय और आधिकारिक ठिकानों पर की गई।
ईडी ने एसीबी/ईओडब्ल्यू, रायपुर द्वारा निर्भय साहू, तत्कालीन एसडीओ (राजस्व), अभनपुर, रायपुर और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच प्रारंभ की।
एफआईआर में आरोप है कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर रायपुर-विशाखापत्तनम हाईवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर करके अवैध मुआवजा प्राप्त किया।
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने कुछ सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचकर, भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत अधिग्रहित भूमि के लिए जानबूझकर जमीन के बड़े हिस्सों को छोटे टुकड़ों में परिवार के सदस्यों के बीच बांटकर और पिछली तारीख की एंट्री करके धोखाधड़ी से अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त किया।
भूमि अधिग्रहण से पहले कई छोटे खेतों को दिखाने के लिए जमीन का यह कृत्रिम विभाजन किया गया था, जिससे अधिक मुआवजे का दावा करने के लिए मुआवजा ढांचे का फायदा उठाया जा सके।
राजस्व रिकॉर्ड में इस तरह से हेरफेर किया गया कि ये विभाजन अधिग्रहण प्रक्रिया से पहले हुए थे, जिससे बढ़ी हुई अवैध मुआवजे की राशि स्वीकृत और वितरित हुई। इस तरह प्राप्त अतिरिक्त अवैध मुआवजा अपराध की आय थी। इससे सरकारी खजाने को गलत नुकसान हुआ और आरोपियों को संबंधित गैरकानूनी लाभ मिला।
तलाशी अभियान के दौरान 40 लाख रुपये नकद, डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। साथ ही, तलाशी के दौरान अनुसूचित अपराध करने से उत्पन्न पीओसी से जुड़े व्यक्तियों के नाम पर अर्जित कई चल और अचल संपत्तियों की पहचान की गई। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है।