क्या गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हो सकता है, तो राज ठाकरे पर क्यों नहीं? : तहसीन पूनावाला

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क्या गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हो सकता है, तो राज ठाकरे पर क्यों नहीं? : तहसीन पूनावाला

सारांश

तहसीन पूनावाला ने महाराष्ट्र में बढ़ते भाषा विवाद पर चिंता जताई है। उन्होंने सवाल उठाया है कि गरीब कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जा रही है, तो फिर राज ठाकरे पर क्यों नहीं? सुप्रीम कोर्ट के फैसले को याद करते हुए उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

Key Takeaways

  • भाषाई हिंसा पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक दलों के प्रमुखों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
  • समाज में एकता और भाईचारा बनाए रखना आवश्यक है।
  • शिक्षा और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पुणे, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर राजनीति और भी तेज और उग्र हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं की तरफ से गैर मराठी भाषाई लोगों पर हमलों की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही हैं। इस पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने कहा कि यदि गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया जाता है, तो फिर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर क्यों नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि जिस देश में भीड़तंत्र होगा, वहां लोकतंत्र नहीं टिक सकता।

पूनावाला ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "मैं भीड़ हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गया था। उस समय माननीय सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में बहुत स्पष्ट रूप से कहा था कि जिन देशों में भीड़तंत्र होगा, वहां लोकतंत्र कभी नहीं हो सकता और वहां लोकतंत्र टिक नहीं सकता।"

उन्होंने कहा कि राज ठाकरे का माइक पर यह कहना कि 'आप पीटो, पर रिकॉर्ड मत करो', यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछना चाहता हूं कि क्या सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट मानना आपका काम नहीं है? यदि आप गरीब कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज करते हैं, तो फिर राज ठाकरे पर केस क्यों नहीं करते? मेरे केस के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि 'राजनीतिक दलों के प्रमुखों पर भी केस दर्ज किए जाएं, यदि हिंसा उनके इशारे पर हो।'

पूनावाला ने कहा कि ‘कान के नीचे बजाओ, पर रिकॉर्ड मत करो’ यह नफरत की भाषा है।

तहसीन पूनावाला ने भाषा विवाद पर मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में राज्य की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए आए एनएसजी कमांडो का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले के समय मुंबई की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो आए थे। उनमें केवल मराठी नहीं थे, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों से भी लोग आए थे। मुझे लगता है कि भाषा को लेकर विवाद करने के बजाय गरीब बच्चों की अच्छी शिक्षा, मराठी मानुस के बेहतर इलाज और राज्य के विकास पर बात होनी चाहिए, न कि पीटने पर।

Point of View

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या राज ठाकरे पर कार्रवाई होनी चाहिए?
यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए, तो राज ठाकरे पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
तहसीन पूनावाला ने क्या कहा?
उन्होंने गरीब कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए राज ठाकरे की अवमानना की बात की।