क्या ममता बनर्जी ने एसआईआर पर भ्रम फैलाया? खुद आखिरी दिन जमा किया फॉर्म: अमित मालवीय

Click to start listening
क्या ममता बनर्जी ने एसआईआर पर भ्रम फैलाया? खुद आखिरी दिन जमा किया फॉर्म: अमित मालवीय

सारांश

गौरतलब है कि भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ममता ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर गलत जानकारी फैलाई, जबकि अंतिम समय में अपने फॉर्म जमा कर दिए। यह घटनाक्रम बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकता है।

Key Takeaways

  • ममता बनर्जी ने अंतिम दिन अपना फॉर्म जमा किया।
  • अमित मालवीय ने गुमराह करने वाले बयानों का आरोप लगाया।
  • बंगाल के मतदाता अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं।
  • मतदाता अब ममता के बयानों पर भरोसा नहीं कर रहे।
  • राज्य की राजनीति में बदलाव का संकेत मिल रहा है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक बार फिर गुमराह करने वाला बयान देने का आरोप लगाया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने रैलियों में कहा कि वह एसआईआर प्रक्रिया में एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं करेंगी, लेकिन अंतिम दिन उन्होंने चुपचाप अपना फॉर्म भरकर जमा कर दिया।

उन्होंने लिखा कि 11 दिसंबर 2025 को ममता बनर्जी ने स्वयं भरा हुआ और हस्ताक्षरित एन्यूमरेशन फॉर्म निर्वाचन अधिकारियों को सौंपा ताकि वह पश्चिम बंगाल की मान्य मतदाता बनी रहें। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ घंटे पहले कृष्णानगर की रैली में ममता ने कहा था कि वे फॉर्म जमा नहीं करेंगी, जो पूरी तरह से भ्रामक था।

मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस रवैये ने राज्य में कई महीनों तक अनावश्यक भ्रम और गलतफहमियां पैदा कीं। ममता बनर्जी द्वारा बार-बार गलत जानकारी फैलाने के प्रयासों के बावजूद बंगाल के लोगों ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया।

मालवीय ने यह भी कहा कि राज्य में लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं ने समय पर अपने एसआईआर एन्यूमरेशन फॉर्म भरकर जमा कर दिए, जिससे चुनाव आयोग को प्रक्रिया बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। इससे यह स्पष्ट होता है कि पश्चिम बंगाल के मतदाता अब राजनीतिक विवादों से ऊपर उठकर अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम का सबसे महत्वपूर्ण संकेत यह है कि पश्चिम बंगाल के मतदाता अब ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के दावों पर पहले जैसा भरोसा नहीं करते। लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी और ममता के उलझाने वाले बयानों को नजरअंदाज करने से यह साफ हो गया है कि जनता अब तथ्यों के साथ खड़ी है।

मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी का भ्रम फैलाने वाला दौर खत्म हो रहा है और तृणमूल सरकार का समय अब सीमित है। मतदाता अब बदलाव के मूड में दिख रहे हैं और यह राज्य की राजनीति में आने वाले समय में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ममता बनर्जी की स्थिति अब कमजोर होती जा रही है। मतदाता अब उनके बयानों पर पहले जैसा भरोसा नहीं कर रहे हैं। बंगाल के लोग अब अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो चुके हैं, जो भविष्य में राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

ममता बनर्जी ने एसआईआर प्रक्रिया में क्या किया?
ममता बनर्जी ने रैलियों में कहा कि वह फॉर्म नहीं भरेंगी, लेकिन अंतिम दिन उन्होंने अपना फॉर्म जमा कर दिया।
अमित मालवीय ने ममता पर क्या आरोप लगाया?
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने बार-बार गुमराह करने वाले बयान दिए हैं।
बंगाल के मतदाताओं की प्रतिक्रिया क्या है?
बंगाल के मतदाताओं ने ममता के बयानों को गंभीरता से नहीं लिया और लगभग 100 प्रतिशत ने समय पर फॉर्म भरकर जमा किए।
क्या ममता बनर्जी की लोकप्रियता कम हो रही है?
हां, ममता की लोकप्रियता कम होती जा रही है, और मतदाता अब बदलाव के मूड में हैं।
क्या तृणमूल कांग्रेस की सरकार का समय खत्म हो रहा है?
अमित मालवीय के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की सरकार का समय अब सीमित हो रहा है।
Nation Press