क्या राजस्थान के छात्रों ने पीएम मोदी की जीवनी पर आधारित बायोग्राफी 'चलो जीते' हैं का चित्रण देखा?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी की बायोग्राफी से प्रेरणा लेना
- समाज सेवा का महत्व
- व्यक्तिगत उद्देश्यों को देशहित से ऊपर रखना
- परोपकार की भावना को बढ़ावा देना
- छात्रों का सामाजिक बदलाव में योगदान
जोधपुर, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूरे देश में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी संदर्भ में जोधपुर में भी विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं। शनिवार को जोधपुर के केंद्रीय विद्यालय में प्रधानमंत्री मोदी की बायोग्राफी का चित्रण किया गया। विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने 'चलो जीते हैं' बायोग्राफी का प्रदर्शन किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि हमारे विद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित एक पिक्चर दिखाई गई है। इससे हमारे विद्यार्थी यह सीख सकेंगे कि कैसे वे अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों को देशहित से कम महत्व दें। उनके ऊपर समाज और राष्ट्र के उद्देश्यों का महत्व है। इससे छात्र अपने जीवन में परोपकार की भावना को और बढ़ाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि यह एक बहुत अच्छा प्रयास है कि मंत्रालय ने हमें निर्देश दिया कि पीएम मोदी के जीवन पर आधारित पिक्चर बच्चों को दिखाई जाए ताकि विद्यार्थी इससे प्रेरणा ले सकें और समझ सकें कि हमारे व्यक्तिगत उद्देश्यों को देशहित से नीचे रखा जाना चाहिए।
12वीं की छात्रा प्रियांशी भाटी ने बताया कि विद्यालय में 30 मिनट की एक शॉर्ट फिल्म दिखाई गई, जिसका नाम था 'चलो जीते हैं'। इसमें दो बच्चों की कहानी है, जिनमें से एक स्कूल जाता था, जिसका नाम नरेंद्र था। उसने देखा कि एक अन्य बच्चा पैसे के अभाव में स्कूल नहीं जा पाता। नरेंद्र ने नाटक में भाग लेकर पैसे जुटाए और उस बच्चे की मदद की। नरेंद्र की मदद से दूसरा बच्चा भी स्कूल जाने लगा। यह कहानी हमें दूसरों की मदद के लिए प्रेरित करती है।
रजनी ने बताया कि छात्रा ने भारत सरकार की ओर से प्रेरणादायक कहानी दिखाई। हमारे कार्य दूसरों के जीवन को प्रभावित करते हैं। कहानी में दिखाए गए बच्चे ने मेहनत करके निम्न वर्ग के लोगों में परिवर्तन लाने की कोशिश की है। हमें भी समाज से जुड़कर कल्याणकारी कार्य करने चाहिए। इससे समाज में बड़ा बदलाव आएगा।