क्या राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी बिल पास हुआ? जानें हर नेता की राय

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क्या राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी बिल पास हुआ? जानें हर नेता की राय

सारांश

राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पास होने से अब जबरन धर्म परिवर्तन कराना मुश्किल होगा। जानें नेताओं के विचार और इस कानून की महत्ता।

Key Takeaways

  • धर्मांतरण कानून का पास होना एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • राजस्थान भारत का पहला राज्य है जिसने इस तरह का सख्त कानून लागू किया।
  • बिल के तहत जबरन धर्म परिवर्तन पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
  • राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर विभाजन स्पष्ट है।
  • कानून से समाजिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

जयपुर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को लंबी बहस और भारी हंगामा के बीच धर्मांतरण कानून का बिल पास किया गया है। राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 के लागू होने से अब जबरन धर्म परिवर्तन कराना आसान नहीं होगा।

भाजपा विधायक गुरबीर बराड़ ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि राज्य में इसकी बहुत अधिक आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि यह कानून धर्म परिवर्तन पर नियंत्रण लगाएगा।

उन्होंने कहा, "मैं भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से आता हूं, जहां धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं। ऐतिहासिक रूप से स्थिति बेहद दुखद रही है, लेकिन नए कानून से राहत मिलेगी और जो लोग इसे अंजाम दे रहे थे उन पर भी नियंत्रण लगेगा।"

राजस्थान सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि यह बिल राज्य के लिए बहुत आवश्यक था। राजस्थान भारत का पहला राज्य है जिसने इतना कठोर नियम लाने का कार्य किया। जो लोग धर्मांतरण में लिप्त थे, उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी।

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि यह कानून जिहादियों और उनकी मानसिकता को खत्म करने के लिए लाया गया है।

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने बताया कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने कठोर नियमों के साथ धर्मांतरण कानून लागू किया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे थे, वे अब एक्सपोज हो गए हैं।

राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह भारत का पहला राज्य है जिसमें धर्मांतरण कराने पर कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने कहा कि इस कानून के तहत पारदर्शिता बढ़ती जाए।

हालांकि, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली इस बिल के पास होने से खुश नहीं दिखे और उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए कि जब कानून लाना था, तो पहले क्यों नहीं लाया गया।

Point of View

जो समाज में चर्चित हैं। यह कानून न केवल धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा करता है, बल्कि उन मामलों पर भी ठोस कदम उठाता है, जहां जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएँ सामने आई हैं।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी बिल का क्या उद्देश्य है?
इस बिल का मुख्य उद्देश्य जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना है और इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
क्या यह बिल केवल भाजपा के समर्थन से पास हुआ?
बिल का समर्थन भाजपा के विधायकों ने किया, लेकिन विपक्ष ने भी इस पर अपनी राय रखी।
क्या इस बिल के लागू होने से धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होगी?
कानून का उद्देश्य जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना है, जिससे धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा।