क्या राजस्थान की हस्तशिल्प परंपरा आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव है?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान की हस्तशिल्प परंपरा सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
- उत्सव में 800 से अधिक स्टॉल हैं।
- मुख्यमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने पर जोर दिया।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह उत्सव महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय कारीगरों को सशक्त करने का कार्य चल रहा है।
जोधपुर, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को जोधपुर के रामलीला मैदान में आयोजित पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 2026 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने मेले में लगे स्टॉल और 'ऑपरेशन सिंदूर' थीम पर आधारित विशेष डोम का अवलोकन किया। 25 दिसंबर से प्रारंभ हुए इस 10 दिवसीय उत्सव में 15 डैम में 800 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें उद्योग हस्तशिल्प, पंच गौरव उत्पादन और सैन्य हथियारों की प्रदर्शनी शामिल है। इसके साथ ही, सीएम भजनलाल शर्मा ने इस मेले में दो एंबुलेंस और 41 स्कूटी का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केवल ट्विटर पर सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार के समय पेपर लीक की घटनाएं हुईं, जबकि उनकी सरकार में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि आप पूर्ववर्ती और वर्तमान सरकार के कार्यों का मूल्यांकन करेंगे, तो आपको हमारी सरकार के उत्कृष्ट कार्य दिखाई देंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के जल संकट पर भी चर्चा की, कहकर कि पूर्ववर्ती सरकार हमेशा कहती रही कि वे राजस्थान के लिए पानी लाएंगे। हम वास्तविकता में जल को लेकर कार्य कर रहे हैं और जल्द ही संबंधित योजनाओं को लागू करेंगे।
उन्होंने आत्मनिर्भर भारत और युवा उद्यमिता पर बोलते हुए कहा कि हमने युवाओं को रोजगार प्रदान किया है। राजस्थान के युवा अब रोजगार देने वाले बन गए हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उल्लेख किया कि आज जोधपुर में लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित 'पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव' के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। लघु उद्योग भारती राजस्थान के हस्तशिल्प उद्यमियों और कारीगरों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस संगठन द्वारा कारीगरों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशिक्षण, विपणन और नवाचार का कार्य सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान की हस्तशिल्प परंपरा हमारी सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव भी है। यहां के कारीगरों की कला, मेहनत और नवाचार वैश्विक स्तर पर भारतीय शिल्प को नई पहचान दिला रहे हैं।
उन्होंने हस्तशिल्प उत्सव में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन कर, पश्चिमी राजस्थान के उद्यमियों और कारीगरों की अद्वितीय प्रतिभा, कौशल और नवाचार की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति से अभिभूत होकर जीवनदायिनी एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई और दिव्यांगजनों के लिए स्कूटी वितरित की। यह उत्सव हमारे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सशक्त बनाने और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है।