क्या राजस्थान में मूसलधार बारिश ने कई जिलों को जलमग्न कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान में मूसलधार बारिश ने कई जिलों को जलमग्न किया है।
- किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है।
- शहरी जनजीवन पर भारी असर पड़ा है।
- स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर असंतोष व्यक्त किया है।
- बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव हो रहा है।
धौलपुर/अलवर, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में इस बार मानसून ने जबरदस्त दस्तक दी है, जिससे किसानों को राहत मिली है, लेकिन शहरी इलाकों में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। धौलपुर, अलवर और कोटपुतली-बहरोड़ में तेज बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। कई स्थानों पर घरों, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुसने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
धौलपुर में भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। जगन टॉकीज, हरदेव नगर, कोर्ट परिषद और बाड़ी रोड जैसे प्रमुख क्षेत्र पानी में डूब गए हैं। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर जाने से वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल बारिश में यही स्थिति बनती है, लेकिन प्रशासन स्थायी समाधान नहीं कर रहा है। दुकानों में पानी घुसने के कारण कारोबार ठप हो गया और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वालों तक को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नालियों की समय पर सफाई न होने की वजह से पानी सीधे घरों और दुकानों में घुस गया है।
अलवर में सुबह 6:30 बजे शुरू हुई मूसलधार बारिश ने 9 बजे तक शहर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी। होप सर्कस, घंटाघर, सराफा बाजार, अशोक टॉकीज, बस स्टैंड और एसएमडी चौराहे सहित शहर के अधिकांश हिस्से जलमग्न हो गए हैं। दुकानों और घरों में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ है। चूड़ी मार्केट और अन्य बाजारों में व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। कच्ची बस्तियों में झोंपड़ियों की छतें टपकने लगीं और घरों में रखा सामान भीग गया है।
एसएमडी चौराहे पर नाले के ऊपर लगे जाल में कचरा फंसने के कारण पानी का बहाव रुक गया, जिससे आसपास के घरों में पानी भर गया।
इसी तरह, कोटपुतली-बहरोड़ क्षेत्र में मंगलवार सुबह से बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश के बीच आसमान में घने बादल छाए रहे हैं। किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है क्योंकि इससे खेतों को अच्छी नमी मिलेगी और फसलों को लाभ होगा। हालांकि, लगातार बारिश से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी बनी है, जिससे स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।