क्या ओमप्रकाश राजभर ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए नेताओं को पत्र लिखा?

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क्या ओमप्रकाश राजभर ने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए नेताओं को पत्र लिखा?

सारांश

लखनऊ में ओमप्रकाश राजभर ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग की है। उन्होंने आरक्षण के उपवर्गीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानें इस पत्र में और क्या है खास!

Key Takeaways

  • ओमप्रकाश राजभर ने सभी राजनीतिक नेताओं को पत्र लिखा है।
  • सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग की गई है।
  • आरक्षण का उपवर्गीकरण सामाजिक न्याय का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को तीन भागों में बांटने की सिफारिश की गई है।
  • समाजिक न्याय की अवधारणा को साकार करने के लिए यह आवश्यक है।

लखनऊ, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता वाली ‘सामाजिक न्याय समिति’ की रिपोर्ट के कार्यान्वयन की मांग की है।

राजभर का कहना है कि आरक्षण का उपवर्गीकरण सामाजिक न्याय की सच्ची दिशा है, जिससे पिछड़े वर्ग की सभी जातियों को समान लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, मायावती, अनुप्रिया पटेल, डॉ. संजय निषाद और लालू प्रसाद यादव को पत्र भेजा है।

पत्र में राजभर ने न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में स्थापित “सामाजिक न्याय समिति” की रिपोर्ट को राज्य में लागू करने की मांग की है। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्ष 2001 में बनी इस समिति ने अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण को उपवर्गीय आधार पर बांटने की सिफारिश की थी, जिससे सभी जातियों को समान रूप से आरक्षण का लाभ मिल सके। लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया, जिसके चलते कुछ जातियों ने आरक्षण का अधिक लाभ उठाया और अन्य जातियाँ वंचित रह गईं।

पत्र में उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पुनः समिति गठित कर रिपोर्ट प्राप्त की, जिसमें पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण को तीन भागों में विभाजित करने की सिफारिश की गई थी। इनमें अतिपिछड़ा वर्ग (7 प्रतिशत), पिछड़ा वर्ग (9 प्रतिशत) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (11 प्रतिशत) शामिल हैं। राजभर ने कहा कि यदि यह रिपोर्ट लागू होती है, तो समाज के सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ समान रूप से मिलेगा और सामाजिक न्याय की अवधारणा साकार होगी।

उन्होंने मांग की कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों और विभिन्न विभागों में होने वाली भर्तियों में नियुक्तियां इसी रिपोर्ट के आधार पर की जाएं। ओमप्रकाश राजभर ने कांग्रेस से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर समर्थन देकर सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर अपने निर्णयों द्वारा यह मंशा व्यक्त की है कि आरक्षण कोटे को उपवर्गीकृत करके समाज के वंचित व शोषित वर्ग के लोगों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए हरियाणा सरकार ने आरक्षण में वर्गीकरण करते हुए अपने प्रदेश के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया है। देश के 9 प्रदेशों में भी आरक्षण को उपवर्गीकृत करते हुए वहां के लोगों को लाभ दिया जा रहा है। राजभर ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि आरक्षण को उपवर्गीकृत करने से पिछड़ा वर्ग की सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा और पिछड़े वर्ग की शेष शोषित व वंचित जातियों का भी उत्थान हो सकेगा। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि आरक्षण के उपवर्गीकरण को लागू करते हुए उसके आधार पर आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना आवश्यक और न्यायसंगत होगा।

Point of View

बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी सशक्त करेगा। एक समावेशी समाज के लिए यह आवश्यक है कि सभी वर्गों को समान अवसर मिले।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

ओमप्रकाश राजभर ने किस विषय पर पत्र लिखा है?
उन्होंने सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए पत्र लिखा है।
सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में क्या सिफारिश की गई है?
रिपोर्ट में आरक्षण को उपवर्गीकृत करने की सिफारिश की गई है।
यह रिपोर्ट कब बनी थी?
यह रिपोर्ट वर्ष 2001 में बनी थी।
राजभर ने पत्र में किन नेताओं को संबोधित किया है?
उन्होंने भाजपा, कांग्रेस और अन्य प्रमुख दलों के नेताओं को पत्र लिखा है।
क्या इस रिपोर्ट का कार्यान्वयन सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा?
हाँ, यदि लागू किया जाए, तो यह सामाजिक न्याय को साकार करेगा।