क्या नोएडा में रेरा ने बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है?

सारांश
Key Takeaways
- रेरा ने प्रमोटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
- फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से ऋण प्राप्त करने का प्रयास किया गया।
- यह कार्रवाई पारदर्शिता के लिए एक सकारात्मक कदम है।
- अन्य प्रमोटरों के लिए यह एक चेतावनी है।
ग्रेटर नोएडा, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने प्रमोटर ए.एस.जी.आई. प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक कठोर कदम उठाते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।
आरोप है कि इस कंपनी ने परियोजना एप्पल टावर एस-2ए और एस-2बी से जुड़े आवंटियों और वित्तीय संस्थानों को धोखा देने के लिए एक कूटरचित यानी फर्जी आदेश प्रस्तुत किया था। रेरा को मिली शिकायत में बताया गया कि प्रमोटर ने 3 मार्च 2025 की तारीख के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंकों में जमा किया, जिससे यह दिखाने की कोशिश की गई कि परियोजना को रेरा से समय विस्तार और कुछ छूट प्राप्त हो चुकी है।
इस फर्जी आदेश के आधार पर प्रमोटर कथित रूप से बैंकों से अवैध रूप से ऋण प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था। जांच के दौरान सामने आया कि रेरा ने ऐसा कोई आदेश कभी जारी नहीं किया। हालांकि 24 फरवरी 2025 को परियोजना की परामर्श एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई थी, लेकिन उसमें किसी प्रकार का आदेश नहीं दिया गया। यानी प्रस्तुत दस्तावेज पूरी तरह से झूठा एवं फर्जी था।
इस मामले में ए.एस.जी. एप्पल बायर्स एसोसिएशन ने भी 4 अगस्त 2025 को रेरा से शिकायत की थी। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि बिल्डर न केवल आवंटियों को भ्रमित कर रहा है, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वित्तीय संस्थानों को भी धोखा देने का प्रयास कर रहा है। एसोसिएशन ने इस मामले में पुलिस को प्रार्थना पत्र भी सौंपा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेरा के अवर अभियंता रमेश कुमार पाण्डेय द्वारा गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट में एफआईआर दर्ज कराई गई।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 338 और 336(3) के तहत एफआईआर दर्ज की है। रेरा ने स्पष्ट किया है कि वह आवंटियों के अधिकारों और निवेश की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और रियल एस्टेट क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी, छल या कूटरचना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेरा की यह कार्रवाई अन्य प्रमोटरों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि पारदर्शिता से समझौता करने वालों के खिलाफ अब सीधे आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्र प्रेस
पीकेटी/डीएससी