क्या मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत में अपराधों में गिरावट आई है?

सारांश
Key Takeaways
- मोदी सरकार के कार्यकाल में हत्या के मामलों में 18% की कमी आई है।
- रेप के मामलों में 19% की कमी दर्ज की गई है।
- दहेज हत्याओं में 27% की गिरावट आई है।
- दंगों के मामलों में 40% की कमी आई है।
- पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मोदी सरकार के कार्यकाल में अपराधों में निरंतर कमी देखने को मिली है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े दर्शाते हैं कि 2004 से 2014 के बीच हत्या, रेप, दहेज हत्या और दंगों के मामलों में वृद्धि हुई, जबकि 2014 के बाद से इन मामलों में कमी आई है, जिससे भारत, विशेषकर महिलाओं के लिए, कहीं अधिक सुरक्षित हो गया है।
यूपीए शासन के दौरान रेप के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई, जो 2004 में 18,233 से बढ़कर 2014 में 36,735 हो गई थी। यह वृद्धि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बनी। इसके विपरीत, मोदी काल में, 2023 तक रेप के मामले घटकर 29,670 रह गए, जो 2014 के स्तर से 19 प्रतिशत कम है। यह कमी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
यूपीए शासन के दौरान दहेज हत्या के मामलों में भी वृद्धि हुई थी। 2004 में 7,026 मामले बढ़कर 2014 में 8,455 हो गए। हालांकि, 2014 के बाद से दहेज हत्याओं में लगातार गिरावट आई है। 2023 तक, मामलों की संख्या 6,156 हो गई, जो 2014 की तुलना में 27 प्रतिशत की कमी दर्शाती है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में दंगों की घटनाओं में वृद्धि हुई, जो 2004 में 59,971 से बढ़कर 2014 में 66,042 हो गई। 2014 के बाद, दंगों के मामलों में भारी कमी आई है। 2023 तक यह संख्या घटकर 39,260 रह गई, जो 2014 के स्तर से 40 प्रतिशत कम है।
यूपीए के शासन में हत्या के मामले लगातार बढ़ते रहे। 2004 में यह संख्या 33,608 थी और 2014 में भी लगभग समान स्तर पर रही। हालांकि, 2014 के बाद से यह रुझान बदल गया है। 2023 तक, हत्या के मामले घटकर 27,721 रह गए, जो यूपीए काल के औसत से 18 प्रतिशत कम है।
मोदी सरकार ने पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) को पुनर्जीवित किया गया है, जो अब 17,712 पुलिस स्टेशनों को जोड़ता है और 35.24 करोड़ से अधिक अपराध रिकॉर्ड प्रदान करता है।
मोदी सरकार ने 2021 से पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 4,846 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इस योजना के तहत राज्य पुलिस बलों को आधुनिक तकनीक, उन्नत संचार प्रणाली और नए पुलिस स्टेशनों के निर्माण के लिए सहायता दी जा रही है।