क्या गुजरात एटीएस ने 30 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग्स जब्त की?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात एटीएस ने 5.9 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त की।
- इसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत 30 करोड़ रुपए है।
- एक आरोपी मोहन नारायणलाल पालीवाल गिरफ्तार किया गया।
- गिरोह के मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
- एटीएस ने पूरे नेटवर्क को उजागर करने की योजना बनाई है।
अहमदाबाद, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने ड्रग्स के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 5.9 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) जब्त की है। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 30 करोड़ रुपए आंकी गई है।
यह कार्रवाई एटीएस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर की और नशीले पदार्थों के निर्माण एवं बिक्री के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया। यह ड्रग दमन के एक फार्म हाउस में अवैध तरीके से बनाई जा रही थी, और इसे वापी में स्टोर किया जा रहा था, जबकि इसकी बिक्री की योजना मुंबई में बनाई गई थी।
प्रारंभिक जांच के दौरान एटीएस को पता चला कि ड्रग का असली उत्पादन दमन के बमनपुजा सर्कल के पास एक फार्म हाउस में हो रहा था, जबकि वापी के चाला रोड पर इसे रखा जा रहा था।
सूचना मिलने पर, एटीएस टीम ने 2 अक्टूबर को दमन पुलिस और वलसाड एसओजी के साथ मिलकर वापी और दमन के फार्महाउस पर एक साथ छापा मारा। छापेमारी के दौरान, वापी में मनोज सिंह ठाकुर के बंगले से 5.9 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद हुआ। इसके अलावा, दमन के फार्महाउस से लगभग 300 किलोग्राम कच्चा माल और ड्रग्स उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे ग्राइंडर, मोटर, हीटर आदि भी जब्त किए गए।
एटीएस ने मौके से आरोपी मोहन नारायणलाल पालीवाल को गिरफ्तार किया। हालांकि, गिरोह के मुख्य सरगना मेहुल राजेंद्रसिंह ठाकुर और केमिस्ट विवेक बालेंद्र राय अभी भी फरार हैं।
गिरफ्तार आरोपी मोहन पालीवाल से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पिछले चार महीनों से सक्रिय था। मेहुल ठाकुर, विवेक राय और मोहन पालीवाल ने मिलकर दमन के फार्म हाउस में मेफेड्रोन उत्पादन की साजिश रची थी। वे तैयार ड्रग को वापी में स्टोर करके मुंबई के बाजारों में बड़े पैमाने पर बेचना चाहते थे।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी मोहन पालीवाल पहले भी एनडीपीएस एक्ट के तहत दो मामलों में गिरफ्तार हो चुका है और पैरोल जंप कर फरार था।
एटीएस ने सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह ड्रग कहां-कहां बेचा गया था और इस बड़े ड्रग कार्टेल में कौन-कौन शामिल है। एटीएस ने कहा है कि फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जाएगा।