क्या केंद्र सरकार को लोकभवन के नाम बदलने के लिए धन्यवाद दिया जाए? : रामकृपाल यादव
सारांश
Key Takeaways
- राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन किया गया है।
- रामकृपाल यादव ने इस निर्णय की सराहना की है।
- सरकार घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
- कांग्रेस पार्टी के आरोपों का खंडन किया गया है।
- जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।
पटना, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि देशभर में सभी राज्यों के राजभवन के नाम बदलकर लोकभवन कर दिए जाएं। इस निर्णय की सराहना करते हुए बिहार सरकार के मंत्री राम कृपाल यादव ने बुधवार को कहा।
राम कृपाल यादव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "सरकार ने राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन करना एक अत्यंत सराहनीय कदम उठाया है। मैं इस निर्णय के लिए सरकार का धन्यवाद करता हूं और आभार व्यक्त करता हूं।"
सीजेआई के घुसैठियों पर हाल के बयान का समर्थन करते हुए रामकृपाल यादव ने कहा, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने जो कहा है, वह सही है। देश में अशांति फैलाने वाले घुसपैठियों पर सीजेआई की टिप्पणी का स्वागत किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है और भविष्य में भी करती रहेगी।"
उन्होंने कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के उस बयान को खारिज किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकार के दबाव में सेना बयान दे रही है। रामकृपाल यादव ने कहा, "हमारी सरकार किसी पर भी दबाव नहीं डालती और न ही आगे दबाव डालेगी। यह कांग्रेस पार्टी का राज नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार है। सभी संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "पहले एक समय था जब आपातकाल लगाया गया था। यह घटना जनता के मन में अभी भी ताजे हैं। कांग्रेस पार्टी ने देश को लूटा है और बर्बाद किया है। जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया है। अब वे सपने में भी नहीं सोचें कि वे वापसी कर सकते हैं।"
रामकृपाल यादव ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा हिंदू देवी-देवताओं की संख्या पर दिए गए विवादास्पद बयान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "संविधानिक पद पर बैठकर ऐसी भावना फैलाने वालों के खिलाफ जनता को कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने जनता की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। ऐसे लोगों के लिए एक मिनट भी इस पद पर बने रहना देश के हित में नहीं है।"