क्या मोहन भागवत को बड़ी-बड़ी बातें करना शोभा देता है? : राजेश ठाकुर
 
                                सारांश
Key Takeaways
- राजेश ठाकुर ने मोहन भागवत की बड़ी-बड़ी बातें पर सवाल उठाया।
- यह बयान राजनीतिक दबाव और विचारधारा को दर्शाता है।
- भारतीय लोकतंत्र में स्वस्थ संवाद की आवश्यकता है।
- मोहन भागवत का बयान प्रधानमंत्री पर भी सवाल उठाता है।
- सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
रांची, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत हमेशा कुछ न कुछ बोलते रहते हैं और उन्हें बड़ी-बड़ी बातें करना शोभा नहीं देता।
राजेश ठाकुर ने सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मोहन भागवत भाजपा और प्रधानमंत्री के नेतृत्व के निर्देश पर कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। हाल ही में भागवत ने कहा था कि 75 वर्ष में रिटायरमेंट हो जाना चाहिए। हमें लगता है कि इस बात को मानते हुए प्रधानमंत्री 17 सितंबर को रिटायरमेंट ले लेंगे।"
राजेश ठाकुर ने आगे कहा, "जब ये लोग बहुत बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, तो दुख होता है। जो लोग गोड्से को अपना आदर्श मानते हैं, वे ऐसी बड़ी-बड़ी बातें कहें तो उन्हें यह शोभा नहीं देता है। हमने भारत को आजाद कराया है और देश को बचाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है। ये लोग अपनी पहचान बनाए रखने के लिए इस तरह संघर्षरत रहते हैं। हमें नहीं लगता कि उनके बयानों को कोई तवज्जो दी जानी चाहिए।"
कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए चींटी से सीख लेकर जीवन जीने का मंत्र दिया था।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, "हमने विश्व का नेतृत्व किया, फिर भी हमने कभी किसी राष्ट्र पर विजय नहीं पाई, कभी किसी के व्यापार को दबाया नहीं, कभी बदला नहीं लिया, कभी जबरन धर्मांतरण नहीं कराया। हम जहां भी गए, हमने सभ्यता दी, ज्ञान दिया, शास्त्र पढ़ाए, और जीवन को उन्नत बनाया। हर राष्ट्र की अपनी पहचान थी, फिर भी उनके बीच हमेशा आपसी संवाद रहा। आज वह संवाद गायब है।"
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            