क्या राजनीति में राजनाथ सिंह का सफर प्रेरणादायक है?

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क्या राजनीति में राजनाथ सिंह का सफर प्रेरणादायक है?

सारांश

राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर एक प्रेरणा है। जानिए कैसे एक साधारण प्रोफेसर ने राजनीति के शिखर तक का सफर तय किया और भारतीय जनता पार्टी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Key Takeaways

  • राजनाथ सिंह का सफर प्रेरणादायक है।
  • उन्होंने शिक्षा में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए।
  • महिला सशक्तिकरण के लिए उनके योगदान को सराहा गया।
  • उनका राजनीतिक करियर संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रहा।
  • उन्होंने विश्वसनीयता की आवश्यकता पर जोर दिया।

नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख संस्थापक सदस्यों में से एक और वर्तमान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के एक छोटे से गांव में जन्मे राजनाथ सिंह ने प्रोफेसर से राजनीति के गुरु बनने तक का एक लंबा और प्रेरणादायक सफर तय किया।

राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी है। एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे राजनाथ सिंह ने आगे चलकर गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में भौतिक शास्त्र में आचार्य की उपाधि प्राप्त की। 1964 में वे संघ से जुड़े और मिर्जापुर में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर बने। 1972 में वे मिर्जापुर के शाखा कार्यवाह (महासचिव) बने और दो साल बाद राजनीति में प्रवेश किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले राजनाथ ने आगे चलकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुँचने का सफर तय किया।

राजनाथ सिंह 1977 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक, 1988 में विधान परिषद के सदस्य, और 1991 में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बने। शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने पाठ्यक्रम में नकल विरोधी अधिनियम और वैदिक गणित को शामिल करने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

मार्च 1997 में जब वे भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बने, तब पार्टी के आधार का विस्तार करने में उनके योगदान की खूब सराहना हुई। संकट के समय दो बार भाजपा नीत सरकार को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

अक्टूबर 2000 में, वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, और इससे पहले, नवंबर 1999 में वे अटल सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बने। 2003 में वे अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री बने। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री के रूप में उन्होंने एनएचडीपी (राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम) की शुरुआत की, जो अटल बिहारी वाजपेयी का ड्रीम प्रोजेक्ट था।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम किया और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने पार्टी को मजबूत करने और उसके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कड़ी मेहनत की।

राजनाथ सिंह ने हमेशा 'विश्वसनीयता' की आवश्यकता पर जोर दिया है। अपने कई भाषणों में, उन्होंने कहा है कि राजनेताओं की कथनी और करनी में अंतर के कारण देश की राजनीति 'विश्वसनीयता के संकट' का सामना कर रही है।

महिला सशक्तिकरण उनके दिल के करीब है। 2007 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में, 2015 में उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) सहित सभी अर्धसैनिक बलों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की।

Point of View

NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

राजनाथ सिंह का राजनीतिक करियर कब शुरू हुआ?
राजनाथ सिंह ने 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
राजनाथ सिंह ने शिक्षा में क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए?
राजनाथ सिंह ने शिक्षा मंत्री के रूप में पाठ्यक्रम में नकल विरोधी अधिनियम और वैदिक गणित को शामिल करने जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
क्या राजनाथ सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए कुछ किया है?
हाँ, राजनाथ सिंह ने 2007 में भाजपा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा और 2015 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में भी महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की।