क्या मोरक्को पहुंचे राजनाथ सिंह, भारतीय रक्षा मंत्री का पहला दौरा?

सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह का मोरक्को दौरा भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा।
- यह यात्रा टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के नए संयंत्र के उद्घाटन का अवसर है।
- मोरक्को में यह भारतीय रक्षा मंत्री का पहला दौरा है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मोरक्को के कासाब्लांका पहुंचे। यह यात्रा किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा मोरक्को की की गई पहली ऐतिहासिक यात्रा मानी जा रही है।
इस यात्रा को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। रक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और रक्षा और सामरिक सहयोग से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी के निमंत्रण पर वहां गए हैं। उनकी यह यात्रा आधिकारिक रूप से 22 सितंबर से शुरू होगी। यह भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा उत्तरी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा है, जो भारत और मोरक्को के बीच बढ़ते स्ट्रेटेजिक सहयोग को उजागर करती है।
राजनाथ सिंह के आगमन पर, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स मोरक्को के बेरेचिड में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूएचएपी) 8 बाई 8 के नए विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन भी होगा। यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति का प्रतीक है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। रविवार को कासाब्लांका स्थित मोहम्मद वी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राजनाथ सिंह का स्वागत कासाब्लांका की मिलिट्री कमांड के हेड और मोरक्को में भारत के राजदूत संजय राणा ने किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यहां रणनीतिक और औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के लिए मोरक्को के रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वे औद्योगिक सहयोग के अवसरों के लिए मोरक्को के उद्योग एवं व्यापार मंत्री रियाद मेज़ूर से भी मुलाकात करेंगे।
राजनाथ सिंह अपनी यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
यह उल्लेखनीय है कि पिछले वर्षों में भारतीय नौसेना के जहाज नियमित रूप से कासाब्लांका बंदरगाह पर रुकते रहे हैं, और यह समझौता इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।