क्या राजौरी में विकास को मिली है बड़ी रफ्तार? बथूनी ब्रिज का निर्माण अंतिम चरण में, आवागमन के लिए जल्द खुलेगा
सारांश
Key Takeaways
- बथूनी ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
- यह जम्मू-पुंछ हाईवे पर सबसे लंबा ब्रिज होगा।
- इससे यात्रा का समय १५-२० मिनट कम होगा।
- ब्रिज स्थानीय व्यापार और सामरिक आवाजाही को बढ़ावा देगा।
- ब्रिज का निर्माण १० करोड़ रुपए से अधिक की लागत में हुआ है।
राजौरी, १८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीमांत जिलों में बुनियादी ढांचे के विस्तार की गति में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आ रही है। जम्मू-पुंछ नेशनल हाईवे (एनएच) पर बन रहा बहुप्रतीक्षित बथूनी ब्रिज लगभग पूरा हो चुका है। यह २५० मीटर लंबा ब्रिज राजौरी जिले में विकास का नया द्वार खोलेगा।
ब्रिज पर ब्लैक टॉपिंग का कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि यह कार्य जल्दी ही पूरा हो जाएगा। इसके बाद लोड टेस्टिंग और तकनीकी मंजूरी अगले एक-दो दिनों में कराई जाएगी। इन प्रक्रियाओं के सफल होने के बाद ब्रिज को सामान्य वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। यह ब्रिज जल्द ही राजौरी-पुंछ मार्ग पर विकास, सुरक्षा और कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगा।
इस ब्रिज के निर्माण में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने १० करोड़ रुपए से अधिक की लागत का निवेश किया है। निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद यह जम्मू-पुंछ हाईवे पर सबसे लंबा ब्रिज होगा, जो राजौरी समेत सीमांत क्षेत्र के अन्य हिस्सों में आवागमन और आर्थिक गतिविधियों को नई गति देगा।
बीआरओ के रेजिडेंट इंजीनियर संजीव गुप्ता और प्रोजेक्ट मैनेजर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि ब्रिज के चालू होने से जम्मू से पुंछ की यात्रा में १५-२० मिनट की कमी आएगी। इससे न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि मालवहन, व्यापार और आपातकालीन सेवाओं की गति भी बढ़ेगी।
ब्रिज के लगभग तैयार होने की सूचना से स्थानीय लोगों में उत्साह है। राजौरी के निवासियों का मानना है कि यह ब्रिज विकास और पहुँच सुविधाओं का एक बड़ा प्रतीक बनेगा। क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और सामरिक आवाजाही को इससे नई मजबूती मिलेगी। लोगों ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुविधा लंबे समय से प्रतीक्षित थी।
एसजीआई कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील कुमार ने आईएएनएल को बताया कि ब्रिज की ब्लैक टॉपिंग चल रही है। इसके बाद बाईपास होकर सीधा निकला जा सकेगा। इससे १५-२० मिनट का समय बचेगा और लोगों को काफी राहत मिलेगी। यह इस मार्ग का सबसे लंबा ब्रिज है।