पश्चिम बंगाल में भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- राजू बिष्ट का दौरा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुआ है।
- मिरिक उप-मंडल सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
- 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
- केंद्र सरकार पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर है।
- संकट के समय में एकजुटता आवश्यक है।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राजू बिष्ट ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा हूं और रविवार को मिरिक उप-मंडल के अंतर्गत दुधेय का दौरा किया। आपदा से प्रभावित सभी स्थानों में मिरिक उप-मंडल सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मिरिक घाटी को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाला दुधे पुल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दुधे, पानीघट्टा, पंखाबारी क्षेत्र में बड़ी संख्या में घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, कुछ पूरी तरह से और कुछ आंशिक रूप से।
उन्होंने आगे बताया कि मैं गृह मंत्री, गृह मंत्रालय के अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ निरंतर संपर्क में हूं। हमारे क्षेत्र में हुई तबाही पर उच्चतम स्तर पर नजर रखी जा रही है और केंद्र सरकार पीड़ितों की सहायता के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
भाजपा नेता ने कहा कि इस संकट की घड़ी में मैं सभी प्रथम प्रतिक्रियादाताओं को नमन करता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं। हमारे क्षेत्र के युवा, समुदाय के सदस्य, स्वयंसेवक, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान खोज और बचाव तथा आपदा प्रतिक्रिया के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। उनकी सामूहिक और निस्वार्थ समर्पित सेवाओं के कारण ही कई लोगों की जान बच पाई है।
राजू बिष्ट ने बताया कि मैं इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। हम आपके इस नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के दौरान हम प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। मैं अपने सभी सहयोगी दलों और अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से भी आग्रह करता हूं कि वे बचाव और राहत कार्यों में समन्वय स्थापित करें ताकि हम पीड़ितों को समय पर सहायता प्रदान कर सकें। संकट के समय में हम सदैव एकजुट रहते हैं और एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं।