क्या उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का शुभारंभ किया?

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क्या उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का शुभारंभ किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बाराबंकी में 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान की शुरुआत की, जिसमें त्रिवेणी के पौधों का रोपण किया गया। इस मौके पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण वस्तुएं भी वितरित कीं, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

Key Takeaways

  • वृक्षारोपण मातृ सम्मान का प्रतीक है।
  • हरित वातावरण के लिए हमारी जिम्मेदारी है।
  • मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • टीबी मुक्त भारत के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
  • पौधों की देखभाल उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनका रोपण।

बाराबंकी, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को जनपद बाराबंकी के कैंट परिसर में प्रदेश सरकार के व्यापक वृक्षारोपण अभियान 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' का शुभारंभ त्रिवेणी (पीपल, बरगद और नीम) के पौधरोपण से किया। इस अवसर पर उन्होंने अभियान पर आधारित एक लघु फिल्म का भी लोकार्पण किया और आंगनबाड़ी किट, पोषण पोटली, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं ग्रीन गोल्ड प्रमाणपत्र प्रदान किए।

राज्यपाल ने कहा कि यह केवल वृक्षारोपण अभियान नहीं, बल्कि मातृ सम्मान से जुड़ा एक राष्ट्रीय संदेश है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए वृक्ष आज भी हमारे लिए जीवनदायिनी छाया और वायु प्रदान कर रहे हैं। इसी प्रकार हम सबकी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों को एक हरित और स्वच्छ वातावरण देकर जाएं।

उन्होंने मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि भूमि की घटती उपलब्धता के बीच यह एक प्रभावी तरीका बन सकता है। कृषकों द्वारा निजी भूमि पर पौधरोपण तथा सरकार द्वारा प्रजातियों की उपलब्धता को उन्होंने आयवर्धक और सराहनीय कदम बताया।

राज्यपाल ने टीबी उन्मूलन की दिशा में पोषण पोटलियों के वितरण को एक भावनात्मक और मानवीय पहल बताया। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों से अपील की कि वे भी समाजसेवा के इस कार्य से जुड़ें और टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाएं।

उन्होंने नागरिकों से अपील की कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यक्तिगत प्रयास करें, जैसे पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन की जगह साइकिल का उपयोग, जल और वायु संरक्षण की आदतें अपनाना और पौधों की नियमित देखभाल करना। इस अवसर पर राज्यपाल ने रोपित पौधों की मानसून के बाद नियमित देखभाल की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए कहा कि रोपण के साथ उनका संरक्षण भी उतना ही जरूरी है।

खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि बाराबंकी को एक दिन में 60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने भी राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए उनके मार्गदर्शन को प्रेरणादायक बताया।

Point of View

बल्कि यह हमारी माताओं के प्रति सम्मान भी दर्शाता है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो हमें याद दिलाता है कि वृक्षारोपण हमारी जिम्मेदारी है, और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित वातावरण देना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का उद्देश्य वृक्षारोपण के माध्यम से मातृ सम्मान को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण करना है।
राज्यपाल ने इस अभियान में क्या गतिविधियां कीं?
राज्यपाल ने पौधरोपण किया, एक लघु फिल्म का लोकार्पण किया और आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया।
मियावाकी पद्धति क्या है?
मियावाकी पद्धति एक वृक्षारोपण तकनीक है जो छोटी जगहों पर अधिक वृक्ष लगाने में मदद करती है।