क्या खड़गे ने पुलिस और मिलिट्री बुलाकर हाउस चलाने का आरोप लगाया? नड्डा ने किया खारिज

Click to start listening
क्या खड़गे ने पुलिस और मिलिट्री बुलाकर हाउस चलाने का आरोप लगाया? नड्डा ने किया खारिज

सारांश

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे और उपसभापति के बीच तीखी बहस हुई। खड़गे ने आरोप लगाया कि सीआईएसएफ के जवान सदन में तैनात किए गए हैं। क्या लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है? जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • राज्यसभा में हंगामा जारी है।
  • खड़गे ने सीआईएसएफ की तैनाती पर सवाल उठाए।
  • सरकार ने आरोपों को खारिज किया।
  • लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की आवश्यकता है।
  • संसद में संवाद की कमी है।

नई दिल्ली, ५ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उपसभापति के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। खड़गे ने उपसभापति से सवाल किया कि क्या यह सदन आप चला रहे हैं या गृहमंत्री अमित शाह? उन्होंने आरोप लगाया कि सदन के वेल में सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया गया।

उनका कहना था कि सदन के वेल में सीआईएसएफ सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से विपक्ष को कड़ी आपत्ति है। खड़गे ने कहा कि विपक्षी सांसदों को संसद में जनहित के मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आप सीआईएसएफ को अंदर लाते हैं, हमारे संसद के स्टाफ सक्षम हैं, लेकिन आप पुलिस और मिलिट्री को लाकर यहाँ हाउस चलाना चाहते हैं।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा, "नेता प्रतिपक्ष ने सदन में मिलिटरी व पुलिस की बात कही, लेकिन यह असत्य है। सदन में केवल मार्शल होते हैं।" उन्होंने उपसभापति से पूछा कि इन झूठे तथ्यों के लिए खड़गे के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सदन में केवल मार्शल होते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठे सांसदों को विरोध जताना भी नहीं आता। लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग इस तरह होना चाहिए कि किसी और के अधिकारों का हनन न हो।

इस मुद्दे पर खड़गे ने उपसभापति हरिवंश को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा कि सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में तैनात करना आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भविष्य में सीआईएसएफ के जवान सदन के वेल में नहीं आएंगे।

खड़गे ने कहा कि हमें यह देखकर आश्चर्यचकित और स्तब्ध हैं कि जब सांसद अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे तब संसद के वेल में सीआईएसएफ कर्मियों को बुलाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम गुरुवार और शुक्रवार को हुआ।

उपसभापति हरिवंश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पत्र मीडिया को भेजा गया था। उन्होंने विपक्ष को संयमित रूप से व्यवहार करने की सलाह दी।

खड़गे ने कहा, "आपका धन्यवाद, आपने बहुत बड़ा ज्ञान हम लोगों को दिया।" उन्होंने प्रश्न किया, क्या हम इतने अज्ञानी हैं? क्या हमें इतना भी समझ में नहीं आता? हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर २ बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

Point of View

NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या मल्लिकार्जुन खड़गे का आरोप सही है?
खड़गे ने सीआईएसएफ की तैनाती पर सवाल उठाए हैं, लेकिन सरकार ने इसे खारिज किया है।
सीआईएसएफ का संसद में तैनात होना क्यों आपत्तिजनक है?
विपक्ष का मानना है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप है।
उपसभापति ने क्या कहा?
उपसभापति ने पत्र मीडिया को भेजे जाने पर नाराजगी जताई।