क्या मनोज झा ने पहलगाम आतंकवादी हमले को देश की सामूहिक पीड़ा बताया?

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क्या मनोज झा ने पहलगाम आतंकवादी हमले को देश की सामूहिक पीड़ा बताया?

सारांश

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान मनोज झा ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की गंभीरता को रेखांकित किया। उन्होंने इसे समस्त देश की पीड़ा की तरह देखा और सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की। पढ़ें पूरी चर्चा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर।

Key Takeaways

  • मनोज झा ने पहलगाम हमले को देश की सामूहिक पीड़ा बताया।
  • सैन्य सेवा और राजनीतिक नेतृत्व में अंतर को स्पष्ट किया।
  • जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की।
  • गुडविल मिशन को विदेशों में भेजने का सुझाव दिया।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का खंडन करने का प्रस्ताव दिया।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को देश की सामूहिक पीड़ा के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि यह केवल उन 26 व्यक्तियों के परिवारों की पीड़ा नहीं है जो इस हमले में मारे गए, बल्कि यह समूचे देश की पीड़ा है।

मनोज झा ने आगे कहा कि एक परिपक्व लोकतंत्र में यह स्पष्ट होना चाहिए कि सैन्य सेवा और राजनीतिक नेतृत्व दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में प्रधानमंत्री को सरकार का पक्ष रखना चाहिए था, लेकिन पीएम ने कहा कि वे भारत का पक्ष रखने आए हैं।

झा ने कहा कि हमने सरकार से सवाल पूछे हैं; हमारा सवाल भारत माता से नहीं है, न ही सेना से। उन्होंने कहा कि ‘सरकार है, लेकिन राष्ट्र नहीं’ चाहे कोई भी सरकार हो, वह राष्ट्र का पर्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि कल हममें से बहुत से लोग नहीं होंगे। सरकार भी बदल जाएगी। पार्टियां विलुप्त हो जाएंगी, लेकिन देश हमेशा बना रहेगा।

उन्होंने संसद की चर्चाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू का नाम बार-बार उठाया जाता है। यदि इतने वर्षों बाद भी नेहरू आपको परेशान कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति में कुछ खास बात थी। जम्मू कश्मीर को लेकर भी उन्होंने सरकार से मांग की।

मनोज झा ने कहा कि वे सरकार से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील करते हैं। उन्होंने राज्य सभा में कहा कि देश की इतनी मित्र विहीनता कभी नहीं रही। झा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में गुडविल मिशन भेजे गए। यह एक सकारात्मक कदम था। ऐसे मिशन लगातार भेजने की आवश्यकता है, लेकिन ऐसे गुडविल मिशन देश के भीतर भी होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में एक कर्नल को उसके नाम और सरनेम के आधार पर एक मंत्री अपशब्द कहता है। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के साथ हैं। मैं प्रस्ताव करता हूं कि हम सामूहिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का खंडन करें। इससे पहले उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप लगातार यह कह रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया है। झा ने कहा कि सदन को एक स्वर में अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान को खारिज करना चाहिए और इसे झूठा करार देना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह देश के सामूहिक मनोबल और एकता का प्रतीक भी है। हमें अपने नेताओं की जिम्मेदारी का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

मनोज झा का बयान किस संदर्भ में था?
मनोज झा ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को देश की सामूहिक पीड़ा बताया और इसे समस्त देश की चिंता के रूप में पेश किया।
क्या उन्होंने सरकार से कोई मांग की?
हाँ, उन्होंने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की।