क्या राज्यसभा में मंगलवार को 'वंदे मातरम्' पर विशेष चर्चा होगी, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे शुरुआत?
सारांश
Key Takeaways
- राज्यसभा में 'वंदे मातरम्' पर विशेष चर्चा का आयोजन।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे चर्चा की शुरुआत।
- 'वंदे मातरम्' के 150 वर्ष पूरे होने का महोत्सव।
- राष्ट्रीय गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर चर्चा।
- भाजपा के नेताओं द्वारा विचारों का आदान-प्रदान।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद में एक विशेष चर्चा का आयोजन किया गया है। सोमवार को लोकसभा में विस्तृत चर्चा के बाद, अब मंगलवार को राज्यसभा में भी इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय गीत पर विशेष चर्चा होने जा रही है। यह गीत, जो देश की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद में यह खास चर्चा हो रही है।
जानकारी के अनुसार, राज्यसभा में मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 'वंदे मातरम' पर विशेष चर्चा होगी।
इस चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इस दौरान वह 'वंदे मातरम' के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर अपने विचार साझा करेंगे। चर्चा का समापन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे, जो राष्ट्रीय गीत की 150 वर्ष की यात्रा को रेखांकित करेंगे। इसके अलावा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन दास अग्रवाल, के लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी और सतपाल शर्मा भी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
बता दें कि लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने पर भी एक विशेष चर्चा हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर 12 बजे चर्चा की शुरुआत की थी, जिसके बाद अनेक नेताओं ने इस पर अपने विचार रखे।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए 'वंदे मातरम्' पर हो रही चर्चा को गर्व का पल बताया। उन्होंने कहा, "हमने इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक सामूहिक चर्चा का रास्ता चुना है। जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, और त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस 'वंदे मातरम' को स्मरण करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम इस पल के साक्षी बन रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "यह एक ऐसा कालखंड है जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनत घटनाओं को लाता है। यह चर्चा सदन की प्रतिबद्धता को प्रकट करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक शिक्षा का कारण बन सकती है, यदि हम इसका सदुपयोग करते हैं। आज हम 'वंदे मातरम' की 150 वर्ष की सामूहिक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं।"