क्या रक्षा मंत्री ने ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल’ जारी किया है? नई खरीद प्रक्रिया 1 नवंबर से लागू होगी

Click to start listening
क्या रक्षा मंत्री ने ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल’ जारी किया है? नई खरीद प्रक्रिया 1 नवंबर से लागू होगी

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ जारी किया। यह नया मैनुअल 1 नवंबर से लागू होगा, जो रक्षा मंत्रालय के अधीन तीनों सेनाओं के लिए खरीद प्रक्रिया को सरल बनाएगा। जानें इसके महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • सरल और पारदर्शी खरीद प्रक्रियाएं
  • एमएसएमई और स्टार्टअप्स को नए अवसर
  • निर्णय प्रक्रिया में तेजी
  • विलंब शुल्क की अधिकतम सीमा
  • सीमित निविदा का प्रावधान

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ का अनावरण किया। यह नया मैनुअल आगामी 1 नवंबर से प्रभावी होगा और रक्षा मंत्रालय के अधीन तीनों सेनाओं तथा अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।

रक्षा मंत्री ने मैनुअल के संशोधन में शामिल रक्षा मंत्रालय एवं एचक्यू इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह नया मैनुअल रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सरल, एकरूप और पारदर्शी बनाएगा। इससे सशस्त्र बलों को आवश्यक सामान और सेवाएं समय पर प्राप्त होंगी, जिससे उनकी ऑपरेशनल तैयारियां और भी सशक्त होंगी।

उन्होंने कहा कि इस मैनुअल से रक्षा उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी अधिक अवसर प्राप्त होंगे, जिससे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी। डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल की प्रमुख विशेषताएं यह हैं कि इसमें प्रक्रियाओं का सरलीकरण एवं निर्णय प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रावधान किया गया है। निर्णय लेने की प्रक्रिया को तीव्र करने और ‘ईज ऑफ डूइंग’ बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधानों में संशोधन किया गया है। सामान्य मामलों में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही विलंब शुल्क लगाया जाएगा। अब 50 लाख रुपए तक की खरीद के लिए सीमित निविदा का प्रावधान होगा, विशेष परिस्थितियों में इससे अधिक राशि के लिए भी अनुमति होगी।

डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल जारी करने के कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, नौसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष, सचिव (रक्षा उत्पादन), सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण), वित्तीय सलाहकार (सेना सेवाएं), वायु सेना के उप प्रमुख, रक्षा लेखा नियंत्रक, विशेष कार्य अधिकारी, पूर्व सैनिक कल्याण विभाग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में गुरुवार को ही रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमता और सामरिक तैयारी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लगभग 79,000 करोड़ रुपए के विभिन्न रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। भारतीय थलसेना के लिए नाग क्षेपणास्त्र प्रणाली (ट्रैक्ड) मार्क-2 को स्वीकृति दी गई है। भारतीय नौसेना के लिए 30 एमएम नेवल सरफेस गन का स्वीकृत प्रस्ताव है। वायुसेना के लिए कोलैबोरेटिव लॉन्ग रेंज टार्गेट सैचुरेशन/डिस्ट्रक्शन सिस्टम मंजूर किया गया है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि ‘डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ हमारे सशस्त्र बलों की कार्यक्षमता को मजबूती प्रदान करेगा। यह कदम आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल देश की सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि तकनीकी नवाचार को भी प्रोत्साहित करेगा।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025 में क्या नई विशेषताएं हैं?
इस मैनुअल में प्रक्रियाओं का सरलीकरण, निर्णय प्रक्रिया की गति में वृद्धि और एमएसएमई को नए अवसर प्रदान करने की विशेषताएं शामिल हैं।
इस मैनुअल का प्रभाव कब से होगा?
यह मैनुअल 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगा।