क्या रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, 'सर क्रीक में हिमाकत की तो इतिहास और भूगोल बदल जाएंगे'?

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान को सर क्रीक में किसी भी हिमाकत पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
- ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया।
- रक्षा मंत्री ने संयम और शांति का परिचय दिया।
- भारत की सेनाएं अपने कार्यों में सक्षम और दृढ़ हैं।
- सर क्रीक में सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को एक स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान ने सर क्रीक क्षेत्र में कोई भी हिमाकत की, तो उसे ऐसा प्रतिरोध झेलना पड़ेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 1965 की लड़ाई में भारत की सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता प्रदर्शित की थी। आज 2025 में पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि कराची का एक मार्ग क्रीक से होकर गुजरता है। रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत के रक्षा तंत्र को भेदने की असफल कोशिश की, जबकि भारत की सेनाओं ने अपनी प्रतिक्रिया में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया।
गुरुवार को विजयदशमी के अवसर पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना के जवानों के बीच भुज एयरबेस पर उपस्थित रहे। यहाँ उन्होंने शस्त्र पूजा की। इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुनिया को यह संदेश दिया गया है कि भारत की सेनाएं जब चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें, पाकिस्तान को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि अपने सामर्थ्य के बावजूद हमने संयम का परिचय दिया, क्योंकि हमारी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर खुशी है कि भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद, सर क्रीक क्षेत्र में सीमा को लेकर विवाद उठाया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के माध्यम से इसका समाधान करने का प्रयास किया है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है। हाल ही में पाकिस्तान की सेना ने सर क्रीक के आस-पास अपने मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है, जो उसकी नीयत को स्पष्ट करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनाएं और बीएसएफ मिलकर पूरी मुस्तैदी से कर रही हैं। यदि सर क्रीक में पाकिस्तान की ओर से कोई भी हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची का एक रास्ता क्रीक से होकर गुजरता है।
महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा, “जब मैं मनोबल की बात कर रहा हूँ, तो स्वाभाविक रूप से हम सबका ध्यान महात्मा गांधी जी की ओर भी जाता है। उन्होंने दुश्मन से लड़ने के लिए मन की शक्ति का इस्तेमाल किया था। हमारे सैनिकों के पास तो शस्त्र और मनोबल दोनों हैं, इसलिए कोई चुनौती टिक नहीं सकती।”
रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं इस अवसर पर मां दुर्गा से यही प्रार्थना करता हूं कि वह हमारे शस्त्रों को सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करें। हमारे सैनिकों को असीम शक्ति और साहस प्रदान करें, ताकि वो इसी तरह अधर्म और आसुरी शक्तियों के नाश के लिए कार्य करते रहें।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि धर्म की स्थापना और रक्षा के लिए केवल संकल्प ही काफी नहीं है। शक्ति भी आवश्यक है, जो शस्त्र के माध्यम से प्रकट होती है। इसलिए यहां शस्त्रों की पूजा को भी महत्व दिया गया है।