क्या रक्षा मंत्रालय ने नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल’ में महत्वपूर्ण सुधार किया?

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क्या रक्षा मंत्रालय ने नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल’ में महत्वपूर्ण सुधार किया?

सारांश

रक्षा मंत्रालय ने नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे रक्षा खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार होगा। इस मैनुअल के तहत लगभग एक लाख करोड़ का बजट भी निर्धारित किया गया है।

Key Takeaways

  • डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025 में व्यापक बजट की व्यवस्था है।
  • रक्षा खरीद प्रक्रिया को सरल और सक्षम बनाया जाएगा।
  • आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूत करेगा।
  • भारतीय उद्योगों और स्टार्टअप्स को नए अवसर मिलेंगे।
  • अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम उठाने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही, प्रोक्योरमेंट का बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को रक्षा मंत्रालय की राजस्व खरीद प्रक्रिया को सरल, सक्षम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए यह बड़ा सुधारात्मक कदम उठाया। उन्होंने इसके लिए नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को मंजूरी दी।

रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह सुधारात्मक कदम भारतीय रक्षा सेवाओं की आवश्यकताओं को तेजी और दक्षता से पूरा करेगा। इस पहल से एक तरफ जहाँ सैन्य बलों के लिए आवश्यक खरीद में तेजी आएगी, वहीं आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को भी मजबूती मिलेगी। इसके अतिरिक्त, भारतीय उद्योग, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को रक्षा क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे नवाचार और घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा मंत्री के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ की कई प्रमुख विशेषताएं हैं। इसमें एक व्यापक बजट की व्यवस्था की गई है। वित्त वर्ष 2025 के लिए रेवेन्यू प्रोक्योरमेंट का बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। सरकार के इस निर्णय से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और अधिक बल मिलेगा।

यह मैनुअल सैन्य सेवाओं की रेवेन्यू खरीद को तेज करेगा और भारतीय उद्योग, विशेषकर स्टार्टअप्सएमएसएमई को सक्षम बनाने हेतु प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा। इससे नवाचार और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा। उद्योगों की कार्यशील पूंजी से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए समर्थनकारी वित्तीय विकल्प और अनावश्यक दंड में छूट दी गई है।

साथ ही, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। नए मैनुअल में उद्योग, शिक्षा संस्थानों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक उपक्रमों को महत्व दिया गया है। इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

रक्षा क्षेत्र से संबंधित विशिष्ट चुनौतियों और उद्योगों के लिए संतुलित खेल क्षेत्र सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें वित्त मंत्रालय के साथ सामंजस्य पर भी ध्यान दिया गया है। यह नया डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रोक्योरमेंट मैनुअल फॉर गुड्स के अनुरूप है, जिससे सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

Point of View

बल्कि भारतीय उद्योगों को भी नये अवसर प्रदान करेगा। सरकार का यह निर्णय जनहित में है और देश की रक्षा को और मजबूत करेगा।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025 में क्या विशेषताएं हैं?
इस मैनुअल में एक व्यापक बजट की व्यवस्था है, जो वित्त वर्ष 2025 के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपए है।
इस मैनुअल का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य रक्षा खरीद प्रक्रिया को सरल और सक्षम बनाना है, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
क्या यह भारतीय उद्योगों को प्रभावित करेगा?
हां, यह भारतीय उद्योग, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को नए अवसर प्रदान करेगा।
क्या अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा?
जी हां, इस मैनुअल में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
क्या यह निर्णय पारदर्शी है?
यह नया मैनुअल सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।