क्या रामभद्राचार्य का 'मिनी पाकिस्तान' वाला बयान निंदनीय है? हिंदुस्तान तो फूलों का गुलदस्ता है: चौधरी इफ्राहीम हुसैन

सारांश
Key Takeaways
- रामभद्राचार्य का विवादास्पद बयान
- चौधरी इफ्राहीम हुसैन की प्रतिक्रिया
- भारत को 'फूलों का गुलदस्ता' कहना
- पाकिस्तान के साथ संबंधों का अस्वीकार
- समाज में संवाद की आवश्यकता
अलीगढ़, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इस क्षेत्र को "मिनी पाकिस्तान" बताते हुए एक विवादास्पद बयान दिया। मुस्लिम धर्मगुरु चौधरी इफ्राहीम हुसैन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
चौधरी इफ्राहीम हुसैन ने रामभद्राचार्य के बयान को अस्वीकार्य बताते हुए भारत को 'फूलों का गुलदस्ता' कहा। उन्होंने कहा, "यह एकदम फिजूल व बेबुनियाद बात है। हमारा हिंदुस्तान फूलों का गुलदस्ता है। ये कभी भी पाकिस्तान नहीं बन सकता। पाकिस्तान हमारा शत्रु देश है और वो शत्रु ही रहेगा। हमारा देश महान है, वो महान ही रहेगा।"
उन्होंने पाकिस्तान के साथ किसी भी संबंध, यहां तक कि क्रिकेट को भी पूरी तरह अस्वीकार्य बताया। उनका कहना है, "पाकिस्तान से क्रिकेट क्या, कोई भी संबंध नहीं होना चाहिए। यह देश हमेशा से हमारे देश को नुकसान पहुंचाता रहा है। नुकसान पहुंचाने की साजिश में लगा रहता है। भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ सभी संबंध समाप्त करने की मैं मांग करता हूं।"
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर बाबा) के 'हिंदू राष्ट्र' की मांग पर मौलाना हुसैन ने एतराज जताया। उन्होंने कहा कि बागेश्वर बाबा का यह कहना कि 'हिंदू राष्ट्र बनाएंगे', यह उनका बचपना है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र जैसा कोई मामला ही नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या वे मोहन भागवत की बातों को चुनौती दे रहे हैं?
वहीं, सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनकी निजी सोच हो सकती है, लेकिन इस क्षेत्र के लोग इसे भारत का अभिन्न अंग मानते हैं। हम यहीं पैदा हुए, यहीं रहे। यह भारत का हिस्सा है और यहां के सभी नागरिक भारतीय हैं। हम संविधान में विश्वास रखते हैं। संविधान के खिलाफ कही गई किसी भी बात का न तो समर्थन करते हैं, न स्वीकार करते हैं।